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राष्ट्रीय एकता की पहचान है हिंदी : प्रो. विवेक लाल

पीजीआई में मनाया गया हिंदी दिवस
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हिंदी केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पहचान की मजबूत डोर है। इसी संदेश के साथ पीजीआई चंडीगढ़ में बुधवार को हिंदी दिवस उत्साहपूर्ण माहौल में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संकायाध्यक्ष (शैक्षणिक) प्रो. राधाकांत राठो ने की। इस मौके पर उन्होंने डॉ. तुलसीदास पुस्तकालय में हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और निदेशक प्रो. विवेक लाल का संदेश संस्थान के कर्मचारियों तक पहुंचाया।

प्रो. विवेक लाल ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता की महत्वपूर्ण कड़ी है। भारत की सभी भाषाएं साहित्य और संस्कृति में समृद्ध हैं, किंतु हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली और लोकप्रिय भाषा है। यही कारण है कि संविधान निर्माताओं ने 14 सितंबर 1949 को इसे संघ की राजभाषा का दर्जा दिया और तभी से हर वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है क्योंकि मरीजों से उनकी भाषा में संवाद करना उन्हें आत्मविश्वास देता है और उनका भय कम करता है।

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उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी में कामकाज से संस्थान का काम सहज होता है और जनता तथा प्रशासन के बीच की दूरी घटती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीजीआईएमईआर में राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार प्रेरणा और प्रोत्साहन के साथ किया जा रहा है। लक्ष्य केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि गुणवत्ता और सरलता के साथ हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना है।

इस अवसर पर राजभाषा नोडल अधिकारी प्रो. संजय भडाडा ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को राजभाषा प्रतिज्ञा दिलाई। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी और कर्मचारी मिलकर हिंदी के प्रयोग, प्रचार और प्रसार को और मजबूत करेंगे। उन्होंने बताया कि हिंदी पखवाड़े के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें विभागाध्यक्षों से लेकर सभी कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।

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