Himachal Society State Award हिमाचल महासभा का 32 सालों का समर्पण, चण्डीगढ़ प्रशासन ने स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया
यूटी प्रशासन ने हिमाचल महासभा चंडीगढ़ को उनके सामाजिक योगदान और हिमाचली संस्कृति के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया। यह सम्मान 15 अगस्त को पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासन गुलाब चन्द कटारिया ने प्रदान किया गया।
32 वर्षों से सक्रिय हिमाचल महासभा एक गैर-राजनीतिक सामाजिक संस्था है, जिसने समाज कल्याण और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महासभा द्वारा नियमित रूप से रक्तदान शिविर, निःशुल्क चिकित्सा शिविर, सफाई अभियान और पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके साथ ही युवा वर्ग को नशे की लत से दूर रखने और खेल भावना को प्रोत्साहित करने हेतु बैडमिंटन, क्रिकेट समेत विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है।
महासभा का सामाजिक योगदान सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है। यह गरीब और असहाय लोगों की सहायता करती है, होनहार विद्यार्थियों को कापी-किताब और अन्य शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराती है, और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से मानव कल्याण में योगदान देती है। हिमाचल प्रदेश से जुड़े सभी लोक त्योहारों और राज्य स्तरीय समारोहों का आयोजन कर नई पीढ़ी को हिमाचली संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना भी महासभा का प्रमुख उद्देश्य है।
इस अवसर पर अध्यक्ष पृथी सिंह प्रजापती ने महासभा के पदाधिकारियों और सदस्यों का धन्यवाद किया, जिनकी मेहनत, समर्पण और दूरदर्शिता ने महासभा को इस प्रतिष्ठित मुकाम तक पहुँचाया। महासचिव भागीरथ शर्मा ने चण्डीगढ़ प्रशासन द्वारा महासभा के जनहित और सामाजिक कल्याण कार्यों को पहचान देने के लिए आभार व्यक्त किया।
हिमाचल महासभा के लिए यह सम्मान न केवल गर्व का क्षण है, बल्कि यह उनकी निरंतर सेवा, हिमाचली संस्कृति के संरक्षण और समाज के उत्थान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। महासभा का प्रयास है कि आने वाली पीढ़ी भी हिमाचली संस्कृति, लोक कला और परंपराओं से जुड़ी रहे और उन्हें विश्व स्तर पर पहचान मिले।