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Hepatitis Risk मानसून में गर्भवती महिलाओं को सबसे बड़ा खतरा हेपेटाइटिस से

बरसात का मौसम सिर्फ सर्दी-जुकाम या बुखार ही नहीं लाता, बल्कि गर्भवती महिलाओं के लिए यह हेपेटाइटिस का सबसे बड़ा खतरा भी लेकर आता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय हेपेटाइटिस ए और ई का संक्रमण तेजी...
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बरसात का मौसम सिर्फ सर्दी-जुकाम या बुखार ही नहीं लाता, बल्कि गर्भवती महिलाओं के लिए यह हेपेटाइटिस का सबसे बड़ा खतरा भी लेकर आता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय हेपेटाइटिस ए और ई का संक्रमण तेजी से फैलता है और गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है। गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. गीतिका ठाकुर के अनुसार, खासतौर पर हेपेटाइटिस ई गंदे पानी और असुरक्षित भोजन से फैलता है, जो कई बार लिवर फेलियर और भ्रूण की मृत्यु तक का कारण बन सकता है।

पहचानें समय रहते लक्षण

  • आंखों और त्वचा का पीला पड़ना
  • गहरे रंग का मूत्र और मिट्टी जैसे रंग का मल
  • लगातार उल्टी (सिर्फ मॉर्निंग सिकनेस से अलग)
  • असामान्य थकान और कमजोरी
  • पेट दर्द और बुखार

 जरूरी सावधानियां

  • डॉ. गीतिका का कहना है कि बचाव ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।
  • हमेशा उबला या बोतलबंद पानी पिएँ
  • सड़क किनारे का खाना और अधपकी सब्ज़ियों से बचें
  • घर का ताज़ा और पौष्टिक भोजन लें
  • नियमित रूप से हाथ धोएँ और स्वच्छता रखें
  • मच्छरों के प्रजनन व गंदे पानी से दूरी बनाएँ

टीकाकरण और मेडिकल चेक-अप

डॉ. गीतिका  ने बताया हेपेटाइटिस A और B के टीके गर्भावस्था में पूरी तरह सुरक्षित हैं, जबकि हेपेटाइटिस E का कोई टीका मौजूद नहीं है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपने नियमित प्रेग्नेंसी चेक-अप में लिवर फंक्शन टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण को सामान्य गर्भावस्था की परेशानी मानकर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

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डॉ. गीतिका ने चेतावनी दी कि मानसून में टायफॉइड, मलेरिया और डेंगू के साथ हेपेटाइटिस का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। इसलिए सतर्क रहें और किसी भी लक्षण पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

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