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 हथियार और विस्फोटक लाने के मामले में हवारा बरी

मोहाली कोर्ट ने सुनाया फैसला
-जगतार हवारा
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मोहाली, 19 मई (हप्र)मोहाली की जिला अदालत ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के प्रमुख जगतार सिंह हवारा को हथियार और विस्फोटकों से जुड़े मामले में बरी कर दिया है। वर्ष 2020 में खरड़ में दर्ज इस मामले में हवारा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था और उस पर आर्म्स एक्ट व एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत आरोप लगाए गए थे। हवारा इस समय पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है और दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है। हवारा के वकील एडवोकेट जसपाल सिंह मंझपुर ने दावा किया कि यह हवारा के खिलाफ दर्ज अंतिम लंबित मामला था, जिसमें बरी होने के बाद अब वह पैरोल का पात्र है। अगस्त 2023 में अदालत ने हवारा पर आईपीसी की धारा 120-बी, धारा 25 आर्म्स एक्ट और धारा 4 और 5 एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत आरोप तय किए थे।

एडवोकेट ने कहा की यह मामला पूरी तरह से झूठा था और इसमें कोई दम नहीं था। पुलिस अदालत में अपना पक्ष साबित करने में नाकाम रही, जिसके चलते हवारा को अदालत ने बरी कर दिया। उसके खिलाफ कुल 32 मामले दर्ज थे और यह अंतिम मामला था, जिसमें वह बरी हुआ। अब वह कानूनी रूप से पैरोल के योग्य है।

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इससे पहले हवारा की शारीरिक रूप से कोर्ट में पेशी को टाल दिया गया था, क्योंकि मंडोली जेल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने अदालत में जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि हवारा एक हाई रिस्क कैदी है और उसे शारीरिक रूप से अदालत में पेश करना संभव नहीं। आज भी हवारा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने जेल प्रशासन को उसके बरी होने की जानकारी दे दी है। वकील ने बताया की हवारा के खिलाफ खरड़ में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि जब्त किए गए हथियार और विस्फोटक हवारा द्वारा लाए गए थे। जनवरी 2024 में मोहाली के सोहाना थाने में दर्ज एक अन्य मामले में भी अदालत ने हवारा को आरोपों से डिस्चार्ज कर दिया था, क्योंकि अभियोजन पक्ष पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं कर पाया था। अदालत ने उसे विस्फोटक अधिनियम और साजिश के आरोपों से मुक्त कर दिया था।

 

 

 

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