पंचकूला, 10 जुलाई (हप्र)
हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद काउंसिल की साइट ठप कर दी गई है। पिछले तीन दिन से साइट बंद पड़ी है। जिस कारण सैकड़ों आवेदक अपने सर्टिफिकेट के बारे में अपडेट नहीं ले पा रहे हैं। काउंसिल के पास सैकड़ों आवेदकों के आवेदन लंबित पड़े हैं, जिसमें नया पंजीकरण और नवीनीकरण शामिल है। काउंसिल फार्मेसी रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें वेबसाइट पर अपडेट करता है, जिससे आवेदकों को पता चल जाता है कि उनका पंजीकरण या नवीनीकरण हो गया है। भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद इस साइट को ठप करना संदेह के घेरे में है, क्योंकि कई ऐसे आवेदकों के पंजीकरण भी काउंसिल चेयरमैन और रजिस्ट्रार की ओर से किए गए हैं, जिन्होंने हरियाणा के बाहरी राज्यों से 12वीं और फार्मेसी की है, जबकि चेयरमैन धनेश अदलखा बार-बार आवेदकों को यह कहकर धमकाते थे कि तुमने हरियाणा से बाहर से पढ़ाई की है, तुम्हारी डिग्री फर्जी है, इसलिए हरियाणा में पंजीकरण नहीं होगा। जबकि उन्होंने खुद भी ऐसे सैकड़ों रजिस्ट्रेशन किए, जिनकी पढ़ाई बाहरी राज्य से है। काउंसिल के सदस्य बीबी सिंगल का कहना है कि इस साइट को काफी लंबे समय से अपडेट तक नहीं किया गया। चेयरमैन को बेवसाइट अपडेट करने बारे कहा था, लेकिन साइट अपडेट नहीं की गई।
फोन कर पता कर रहे आवेदक
साइट ठप होने से कई आवेदक रजिस्ट्रेशन के संबंध में फोन करके पता कर रहे हैं, लेकिन काउंसिल के सरकारी मोबाइल नंबर पर कोई जबाव नहीं मिलता। वहीं कुछ ऐसे भी सर्टिफिकेट सामने आए हैं, जिसमें धनेश अदलखा ने अधीक्षक से सीधे फाइलें अपना पास मंगवाकर उन पर हस्ताक्षर किए और उसके बाद रजिस्ट्रार को भेजे गए। नियमानुसार अधीक्षक फाइल को रजिस्ट्रार के पास भेजते हैं और उसके बाद रजिस्ट्रार फाइलें जांच कर हस्ताक्षर के बाद चेयरमैन के पास भेजते हैं, लेकिन इन सर्टिफिकेटों पर पहले ही धनेश अदलखा ने हस्ताक्षर किए।
अदलखा को बचाने की कोशिश : बुवानीवाला
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने कहा कि हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन रहे धनेश अदलखा को प्रदेश सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। प्रदेश के फार्मासिस्टों से लाखों रुपए रिश्वत लेकर फार्मेसी लाइसेंस जारी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई न होना दर्शाता है कि हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो को मुख्यमंत्री के निर्देश है कि धनेश अदलखा की गिरफ्तारी न की जाए।