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Haryana News : पिंजौर-सुखोमाजरी बाईपास निर्माण प्रक्रिया में लगे 18 वर्ष

वर्ष 2007 में हूडा ने एमरजेंसी क्लॉज के तहत अधिग्रहण की थी 232 एकड़ भूमि
पिंजौर-सुखोमाजरी बाईपास के लिए निर्माणाधीन ट्रम्पपेट फ्लाईओवर लगभग बनकर तैयार हो गया है। -निस

पिंजौर, 27 मार्च (निस)

लगभग 2 दशकों के लंबे इंतजार के बाद पिंजौर-सुखोमाजरी बाईपास एक माह बाद आम जनता के लिए आरंभ हो जाएगा जिससे न केवल पिंजौर वासियों को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी वहीं हिमाचल के बद्दी औद्योगिक क्षेत्र जाने वाले भारी, हल्के वाहन चालकों को भी अपने गंतव्य पहुंचने में अधिक समय नहीं लगेगा। शिवालिक विकास मंच प्रदेशाध्यक्ष व कांग्रेस नेता विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि मंच के अथक प्रयासों से 7.70 किमी लंबे बाईपास निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 2007 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आरंभ की गई थी। तब एमरजेंसी क्लॉज के तहत 232 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर बाईपास निर्माण कार्य हरियाणा शहरी विकास प्रधिकरण (हूडा) को दिया गया था। इसके लिए लगभग 35 करोड़ की राशि भी जारी की थी लेकिन हूडा के पास बड़े पुल, अंडर निर्माण के लिए संशाधनों की कमी होने के चलते पहले इसे एनएचएआई और बाद में एनएच हरियाणा को निर्माण का जिम्मा सौंपा था। कई अड़चनों के बाद इसका काम आरंभ हुआ लेकिन सूरजपुर रेलवे अंडरपास निर्माण के लिए रेलवे की मंजूरी मिलने में देरी हुई। विजय बंसल ने 13 अप्रैल 2022 को केंद्रीय रेल मंत्री, केंद्रीय परिवहन मंत्री, रेलवे के डीआरएम को लीगल नोटिस भेजा था। जिसके बाद रेलवे उप चीफ इंजीनियर को उचित कार्यवाही के लिए निर्देश दिए। तब 30 जुलाई को उत्तर रेलवे के उप मुख्य इंजीनियर ने निर्माण की मंजूरी दी थी।

बंसल ने मौके का निरीक्षण किया जहां यह बात सामने आई कि मार्च माह के अंत तक एक तरफ का अंडरपास शुरू हो जाएगा जबकि दूसरा अंडरपास शुरू होने में 6 माह तक का और समय लग सकता है। इस बाईपास पर टोल न लगाने की विजय बंसल की मांग भी एनएचएआई ने मंजूर की थी। बाईपास के निर्माण को शीघ्र पूरा करने के लिए बंसल ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 30 अप्रैल 2014 को जनहित याचिका डाली थी। तब कोर्ट ने सरकार को तुरंत निर्माण शुरू करने के आदेश दिए थे। उसके बाद 22 सितंबर 2015 को कानूनी नोटिस पर केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने कार्यवाही करते हुए मंत्रालय के प्रमुख अभियंता को तुरंत कार्यवाही के आदेश भी दिए थे।