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चंडीगढ़ में ग्रीन दिवाली का असर, हवा रही ज्यादा साफ

कम पटाखे, कम शोर, ज्यादा जागरूकता, इस बार दिवाली पर प्रदूषण में कमी
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इस बार दिवाली पर चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर पिछले वर्षों की तुलना में कम रहा। चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट के अनुसार, शहर में हवा पहले की अपेक्षा ज्यादा साफ रही और लोगों ने प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया। अधिकतर लोगों ने केवल ग्रीन पटाखे चलाए और वह भी तय समय यानी रात आठ से दस बजे के बीच।

ए़क्यूआई रहा नियंत्रण में

रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली से पहले और दिवाली के दिन छह स्थानों सेक्टर 17, 22, 25, 39 (आईएमटेक), 12 (पीईसी) और 53 पर हवा और शोर के स्तर की जांच की गई। सामान्य दिन 13 अक्तूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स (ए़क्यूआई) 120 से नीचे था, जो ‘संतोषजनक’ से ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। दिवाली की रात आठ बजे तक हवा सामान्य रही, लेकिन पटाखे चलने के बाद कुछ स्थानों पर ए़क्यूआई बढ़कर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया।

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स्थान                              ए़क्यूआई               श्रेणी

सेक्टर-53                          304                  बहुत खराब

आईएमटेक (सेक्टर 39)     318                  बहुत खराब

पीईसी (सेक्टर-12)             312                   बहुत खराब

सेक्टर 22                          234                   खराब

सेक्टर-25                         296                    खराब

सेक्टर-17                          167                     मध्यम

हालांकि 21 अक्तूबर की सुबह एक बजे के बाद से हवा फिर से ‘संतोषजनक’ स्तर पर लौट आई। चार स्थानों सेक्टर 17, 22, 25 और 53 की वायु गुणवत्ता पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर दर्ज की गई।

तीन वर्षों से लगातार सुधार

2022 से लेकर 2025 तक दिवाली के दौरान प्रदूषण स्तर में लगातार कमी आई है। यह बदलाव बताता है कि चंडीगढ़ के लोग पर्यावरण के प्रति पहले से ज्यादा सजग हो रहे हैं। सीपीसीसी ने स्कूलों में ग्रीन दिवाली अभियान चलाया, जिसमें छात्रों को पटाखों की जगह दीयों और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से त्योहार मनाने का संदेश दिया गया।

शोर प्रदूषण में हल्की वृद्धि

दिवाली के दिन शोर स्तर में सामान्य दिनों की तुलना में थोड़ी वृद्धि दर्ज की गई। सबसे ज्यादा शोर सेक्टर 22 में 80.7 डेसिबल रहा, जबकि सबसे कम सेक्टर 25 में 65.8 डेसिबल दर्ज किया गया। दिन के समय शोर की मानक सीमा 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल निर्धारित है।

नागरिकों का सहयोग सराहनीय

सीपीसीसी के अनुसार, नागरिकों के सहयोग और अनुकूल मौसम के कारण दिवाली के बाद शहर की हवा जल्दी साफ हो गई। विभाग ने कहा कि यह परिणाम दर्शाता है कि लोग अब त्यौहार को जिम्मेदारी के साथ मना रहे हैं।

पर्यावरण-अनुकूल त्योहारों की ओर कदम

प्रदूषण नियंत्रण समिति ने लोगों से अपील की है कि भविष्य में भी त्योहारों को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से मनाएं ताकि शहर की हवा स्वच्छ बनी रहे और आने वाले वर्षों में दिवाली पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त हो सके।

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