आदित्य शर्मा/नस
चंडीगढ़, 26 मार्च
देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 720 से अधिक दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के आज सेक्टर-17 स्थित परेड ग्राउंड में 39वें “हुनर हाट’ का उद्घाटन करते हुए पंजाब के राज्यपाल एवं प्रशासक, चंडीगढ़, बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि ‘हुनर हाट’ से देश की विलुप्त हो रही कला-संस्कृति को नई पहचान मिली है। परेड ग्राउंड में ‘हुनर हाट’ का आयोजन 25 मार्च से 3 अप्रैल तक किया जा रहा है। पुरोहित ने कहा कि स्वदेशी उत्पादनों के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं और इस दिशा में ‘हुनर हाट’ महत्वपूर्ण एवं सराहनीय प्रयास है।
पुरोहित ने विभिन्न स्टाल का भ्रमण भी किया और देशभर से आये दस्तकारों, शिल्पकारों की हौसलाअफजाई की। इस अवसर पर चंडीगढ़ की महापौर सरबजीत कौर, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन, अरुण सूद एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं उपनेता, राज्यसभा, मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट ‘अनेकता में एकता एवं ‘सर्वधर्म समभाव’ का बेहतरीन उदाहरण है। पिछले 7 वर्षों में हुनर हाट के माध्यम से 8 लाख 50 हजार से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों को रोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। नकवी ने कहा कि 40वां हुनर हाट पुणे में आयोजित किया जायेगा। इसके अलावा आने वाले दिनों में अहमदाबाद, भोपाल, पटना, मुंबई, जम्मू, चेन्नई, आगरा, प्रयागराज, गोवा, जयपुर, बेंगलुरु, कोटा, सिक्किम, श्रीनगर, लेह, शिलांग, रांची, अगरतला एवं अन्य स्थानों पर भी होगा।
व्यंजनों के साथ सर्कस, सेल्फी का मजा
नकवी ने कहा कि बावर्चीखाना सेक्शन में आने वाले लोग, देश के विभिन्न क्षेत्रों के परंपरागत व्यंजनों का स्वाद चख रहे हैं। इसके अलावा मेरा गांव, मेरा देश, विश्वकर्मा वाटिका, प्रतिदिन होने वाले सर्कस, महाभारत का मंचन, प्रसिद्द कलाकारों के गीत-संगीत के कार्यक्रम, सेल्फी पॉइंट्स आदि प्रमुख आकर्षण हैं।
कारीगरों को मिला बहुत बड़ा मंच
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्रामोद्योग और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का आह्वान किया था। हमारे देश में कुशल कारीगरों, दस्तकारों की कोई कमीं नहीं है। इन कारीगरों, दस्तकारों को अपार आर्थिक अवसर प्राप्त हुए हैं। पुरोहित ने कहा कि हुनर हाट के माध्यम से इन कारीगरों को एक बहुत बड़ा मंच मिला है। यह भारतीय कारीगरों की प्रतिभा को स्थानीय से वैश्विक स्तर पर ले जाने का व्यापक प्रयास है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी के संकल्प को मजबूत कर रहा है।