पीपीपी अपडेट में सुस्ती पर सरकार सख्त: 20 दिन में सभी कांट्रेक्ट कर्मियों को आय दर्ज करने के आदेश
सुस्ती या लापरवाही पर जवाबदेही होगी तय
हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) पोर्टल पर फैमिली इनकम अपडेट न होने पर कड़ा रुख अपनाया है। कई विभागों और संविदा (कांट्रेक्ट) कर्मियों का अधूरा डेटा लगातार प्रशासनिक कार्यों में अड़चन पैदा कर रहा है। इसी वजह से सरकार ने सभी विभागों को 20 दिनों के भीतर कर्मचारियों की आय संबंधी जानकारी पूरी तरह अपडेट कराने के निर्देश दिए हैं।
तय समय सीमा में कार्य पूरा न करने पर संबंधित विभागों से जवाबदेही तय की जाएगी। सरकार की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि 17 अगस्त 2019 से 31 दिसंबर 2021 के बीच नियुक्त हुए बड़ी संख्या में कांट्रेक्ट कर्मचारी अब तक अपने पीपीपी में पारिवारिक आय दर्ज नहीं कर पाए हैं। ये अधूरा डेटा विभागों में कई प्रस्तावों और फाइलों को रोक रहा है, जिससे निर्णय प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
मानव संसाधन विभाग की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य के सभी विभाग, बोर्ड-निगम, विश्वविद्यालय, मंडलायुक्त, उपायुक्त सहित पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का प्रशासन भी यह सुनिश्चित करे कि कोई भी संविदा कर्मचारी आय अपडेट किए बिना न रहे।
सरकार का कहना है कि हरियाणा में अब अधिकांश सरकारी योजनाएं, लाभ, प्रमोशन, भर्ती और सत्यापन प्रक्रियाएं पीपीपी डेटा पर आधारित हैं। प्रशासनिक कामकाज सुचारू रखने के लिए आवश्यक है कि सभी संविदा कर्मचारियों की पारिवारिक आय जल्द से जल्द पोर्टल पर दर्ज हो, ताकि अनावश्यक देरी और डेटा-आधारित रुकावटों को दूर किया जा सके।
