परमात्मा अनुमान नहीं, अनुभव की प्राप्ति है : राजपिता रमित
रविवार को सेक्टर 25 के रैली ग्राउंड में आयोजित विशाल निरंकारी संत समागम में श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। निरंकारी राजपिता रमित जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि ‘परमात्मा अनुमान, धारणा या परंपरा का विषय नहीं है, बल्कि यह अनुभव और प्राप्ति का विषय है। जीते जी उसकी पहचान और एकत्व संभव है और यही वास्तविक जीवन मुक्ति है।’
राजपिता ने कहा कि समागम के दौरान वक्ताओं ने जो अनुभव साझा किए, वे इस बात का प्रमाण हैं कि सत्गुरू की कृपा से परमात्मा की पहचान पाकर जीवन में दृष्टिकोण और सोच बदल जाती है। उन्होंने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति से जीवन में स्थिरता, शांति और आनंद का संचार होता है। यही परिवर्तन इंसान को अज्ञानता से बाहर निकालकर सत्य की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परमात्मा की प्राप्ति इसी जन्म में, सांसों के चलते-चलते की जा सकती है। यही जीवन मुक्ति है जिसका उल्लेख अक्सर किया जाता है।
समागम के अवसर पर क्षेत्रीय संयोजक नवनीत पाठक ने ज़ोनल इंचार्ज ओ पी निरंकारी की ओर से राजपिता रमित जी और समस्त साधसंगत का चंडीगढ़ पधारने पर हार्दिक स्वागत और आभार प्रकट किया।