मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Global Recognition पीजीआई के प्रो. पिनाकी दत्ता को एफआरसीपी, छात्र अशुतोष को ए.आर. सेठ अवॉर्ड

Global Recognition पीजीआई चंडीगढ़ के प्रो. पिनाकी दत्ता ने हाल ही में चिकित्सा जगत में दोहरी उपलब्धि हासिल कर संस्थान और देश का गौरव बढ़ाया है। जुलाई 2025 में लंदन में आयोजित समारोह में उन्हें फेलो ऑफ द रॉयल कॉलेज...
लंदन स्थित आरसीपी मुख्यालय में प्रो. पिनाकी दत्ता को मानद एफआरसीपी उपाधि प्रदान करतीं ग्लोबल प्रेसिडेंट मुमताज़ पटेल।
Advertisement

Global Recognition पीजीआई चंडीगढ़ के प्रो. पिनाकी दत्ता ने हाल ही में चिकित्सा जगत में दोहरी उपलब्धि हासिल कर संस्थान और देश का गौरव बढ़ाया है। जुलाई 2025 में लंदन में आयोजित समारोह में उन्हें फेलो ऑफ द रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियंस (एफआरसीपी) की प्रतिष्ठित उपाधि प्रदान की गई। यह सम्मान चिकित्सा विज्ञान और एंडोक्राइनोलॉजी के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान की अंतरराष्ट्रीय मान्यता है।

प्रो. पिनाकी दत्ता को पीएन शाह सिटेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रो. दत्ता का परचम लहराया। एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन ईसिकॉन 2025 में उन्हें पीएन शाह ऑरेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार सोसाइटी के संस्थापक सदस्य और देश में एंडोक्राइनोलॉजी शोध की नींव रखने वाले डॉ. पीएन शाह की स्मृति में प्रदान किया जाता है। उल्लेखनीय है कि डॉ. शाह और प्रो. दत्ता के मार्गदर्शक डॉ. आर. जे. दाश ने अमेरिकी नोबेल पुरस्कार विजेता रोसलिन यालो के साथ मिलकर 1966 में भारत में हार्मोन जांच की रेडियोइम्यूनोअसे तकनीक की शुरुआत की थी, जो उस समय चिकित्सा विज्ञान में एक क्रांतिकारी कदम था।

Advertisement

अपने व्याख्यान में प्रो. दत्ता ने पिट्यूटरी ट्यूमर के प्रबंधन पर

डॉ. अशुतोष राय को प्रतिष्ठित ए.आर. सेठ अवॉर्ड प्राप्त करते हुए।

आधारित अपने अग्रणी ‘मल्टी-ओमिक्स’ शोध को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार जीनोमिक और प्रोटिओमिक तकनीकें उपचार को अधिक सटीक और प्रभावी बना रही हैं। यह शोध प्रिसिजन मेडिसिन को नई दिशा देने के साथ ही मरीजों के दीर्घकालिक जीवन-स्तर को बेहतर बनाने की क्षमता रखता है।

सम्मेलन में पीजीआई का गौरव और बढ़ा जब प्रो. दत्ता के शिष्य डॉ. अशुतोष राय को ए.आर. सेठ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार युवा वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट शोध कार्यों को मान्यता देता है। डॉ. राय ने पिट्यूटरी ट्यूमर की पुनरावृत्ति का पूर्वानुमान लगाने वाले बायोमार्कर्स की पहचान पर महत्वपूर्ण शोध किया है। यह खोज भविष्य में मरीजों की निगरानी और उपचार संबंधी फैसलों में अहम भूमिका निभा सकती है।

Advertisement
Tags :
AR Seth AwardDr Ashutosh RaiEndocrinologyFRCPPGIMERPN Shah OrationProf. Pinaki Duttaए. आर. सेठ अवॉर्डएंडोक्राइनोलॉजीएफआरसीपीडॉ. अशुतोष रायपीएन शाह अवॉर्डपीजीआईएमईआरप्रो. पिनाकी दत्ता
Show comments