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विकास बोर्डों की कमान मुख्य सचिव को देना लोकतंत्र का अपमान : बलबीर सिद्धू

मोहाली, 23 जून (निस) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार के उस फैसले की कड़ी आलोचना की है, जिसमें मुख्यमंत्री की जगह मुख्य सचिव को राज्य के सभी स्थानीय विकास बोर्डों का...
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मोहाली, 23 जून (निस)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार के उस फैसले की कड़ी आलोचना की है, जिसमें मुख्यमंत्री की जगह मुख्य सचिव को राज्य के सभी स्थानीय विकास बोर्डों का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

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सिद्धू ने इसे लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों का खुला उल्लंघन करार दिया। अपने बयान में सिद्धू ने कहा कि जनता द्वारा चुना गया मुख्यमंत्री लोगों के प्रति जवाबदेह होता है, जबकि एक नौकरशाह किसी के प्रति जवाबदेह नहीं होता। उन्होंने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री से नीतियों को लेकर असहमति हो सकती है, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए नेता की शक्तियों का इस तरह हनन नहीं किया जा सकता।

उन्होंने बताया कि यह फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसमें पंजाब क्षेत्रीय एवं नगर नियोजन अधिनियम की धारा 29(3) में संशोधन कर मुख्य सचिव को यह जिम्मेदारी दी गई। सरकार का कहना है कि यह कदम अहमदाबाद, नोएडा और लखनऊ जैसे शहरों की तर्ज पर उठाया गया है।

सिद्धू ने इस तर्क को नकारते हुए कहा कि पंजाब की अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था है और यहां की जनता ने मुख्यमंत्री को चुना है, न कि किसी अफसर को। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि लुधियाना और मोहाली में हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण के बाद, अगर बड़े प्रोजेक्ट किसी अधिकारी को सौंप दिए जाएंगे तो जनता अपनी बात किससे कहेगी?

सिद्धू ने मांग की कि सरकार इस फैसले को तुरंत वापस ले और मुख्यमंत्री को उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी पर बहाल करे। उन्होंने इसे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई बताया।

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