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हरियाणा में दिव्यांगों को सौगात, व्यापारियों को राहत

32 हजार लोगों को मिलेगा लाभ दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू चंडीगढ़, 23 जनवरी हरियाणा सरकार ने दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन योजना का विस्तार किया है। दिव्यांगों की 10 और कैटेगरी अब पेंशन की हकदार होंगी। इसके लिए दिव्यांग पेंशन नियमों...
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32 हजार लोगों को मिलेगा लाभ

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

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चंडीगढ़, 23 जनवरी

हरियाणा सरकार ने दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन योजना का विस्तार किया है। दिव्यांगों की 10 और कैटेगरी अब पेंशन की हकदार होंगी। इसके लिए दिव्यांग पेंशन नियमों में संशोधन होगा। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। विधानसभा के बजट सत्र का निर्णय कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पर छोड़ा है। वहीं, भाजपा के घोषणा-पत्र में किए गए ‘लाडो लक्ष्मी’ योजना के वादे को सरकार बजट में पूरा करेगी।

दरअसल, केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत 21 तरह की दिव्यांग श्रेणियों को शामिल किया है। वर्तमान में हरियाणा सरकार 11 श्रेणियों में दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ दे रही है। अब प्रदेश सरकार ने शेष 10 और श्रेणियों को भी लाभान्िवत करने का फैसला किया है। इसके तहत, 32 हजार दिव्यांगजन लाभान्िवत होंगे। इन कैटेगरी में आने वाले दिव्यांगों को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। दिव्यांगों की इन श्रेणियों में प्रमस्तिष्क घात, मांसपेशीय दुर्विकास, वाक और भाषा दिव्यांगता, बहु-स्केलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सिकल कोशिका रोग, बहु-दिव्यांगता, विनिर्दिष्ट सीख दिव्यांगता, स्वपरायणता स्पेक्ट्रम विकार और चिरकालिक तंत्रिका दशाएं शामिल है। यहां बता दें कि वर्तमान में राज्य में 2 लाख 8 हजार 71 लाभार्थियों को दिव्यांग पेंशन मिल रही है।

बैठक में हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आयु सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में इसके लिए आयु सीमा न्यूनतम 18 साल है। साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि हीमोफीलिया, थैलेसीमिया व सिकल सैल एनेमिया के लिए वित्तीय सहायता पहले से प्राप्त किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त होगी।

कारोबािरयों के करोड़ों रुपये होंगे माफ

चंडीगढ़, 23 जनवरी

हरियाणा की नायब सरकार ने प्रदेश के छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने कैबिनेट बैठक में जीएसटी के बकाया में व्यापारियों को मूल राशि के साथ-साथ ब्याज में भी छूट देने का फैसला लिया है। ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना-2025’ के तहत व्यापारियों को यह राहत मिलेगी।

सरकार के इस फैसले को राज्य में होने वाले शहरी स्थानीय निकायों-नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। दो लाख से अधिक छोटे व्यापारियों को सीधे तौर पर इस योजना का लाभ मिलेगा। सीएम का कहना है कि इस योजना से मुकदमेबाजी कम होगी और बकाया की वसूली में आसानी रहेगी। यह योजना जीएसटी से पहले के सात अधिनियमों के तहत बकाया कर देनदारियों के निपटान के लिए बनाई गयी है।

किसी एक अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये तक के बकाया वाले करदाताओं को एक लाख रुपये तक की रियायत दी जाएगी। साथ ही, शेष मूल कर राशि का 60 प्रतिशत भी माफ किया जाएगा। 10 लाख रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक की बकाया देनदारियों वाले करदाताओं को भी उनकी कर राशि पर 50 प्रतिशत की रियायत मिलेगी। योजना का लाभ उठाने वाले सभी करदाताओं की ब्याज और जुर्माना राशि पूरी तरह से माफ होगी। 10 लाख रुपये से अधिक की निपटान राशि वाले करदाताओं को मूल राशि दो किस्तों में चुकाने की अनुमति होगी। जिन छोटे करदाताओं का संचयी परिमाणित कर बकाया 10 लाख रुपये तक है, उन्हें अपने संचयी कर बकाया में से एक लाख रुपये का कर काटने के बाद केवल 40 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। अन्य जिनका संचयी कर बकाया 10 करोड़ रुपये तक है, उन्हें संचयी कर बकाया का 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा। योजना लागू होने से 120 दिनों के लिए लागू रहेगी।

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