53वें रोज फेस्टिवल में गजल और सूफी गायन ने मन मोहा
नगर निगम चंडीगढ़ और चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 53वें रोज फ़ेस्टिवल के अवसर पर रविवार को गजल गायकी और सूफी गायन में दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। संगीत संध्या में प्रसिद्ध ग़ज़ल और सूफ़ी गायक अतुल दुबे और उनकी टीम ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से सभी को मोहित कर दिया।
अतुल दुबे ने अनेक गजलें पेश कीं। इनमें 'बीती बातें दोहराने की', 'पत्ता पत्ता बूटा बूटा' और 'मरीज-ए-इश्क' जैसी रचनाएं शामिल थीं। लोगों ने कहा कि अतुल की गायकी ने समां बांध दिया। उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी।
संगीत संध्या में सूफ़ी संगीत का जादू भी देखने को मिला, जब उन्होंने तू माने या ना माने दिलदारा, चाप तिलक, तू झूम झूम, और दमादम मस्त कलंदर जैसी लोकप्रिय सूफ़ी रचनाओं को अपनी खास शैली में प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों ने वातावरण को सूफ़ियाना रंग में रंग दिया और दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभूति करवाई। इस मौके पर अतुल एवं उनकी टीम को सम्मानित भी किया गया। नगर निगम चंडीगढ़ और चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी ने इस यादगार प्रस्तुति के लिए अतुल दुबे और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। आगंतुकों ने कहा कि यह संगीतमय कार्यक्रम चंडीगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शास्त्रीय एवं सूफ़ी संगीत को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।