कूड़ा इकट्ठा करने वालों ने किया प्रदर्शन
घर-घर से कूड़ा एकत्रित करने का ठेका एक निजी कंपनी को दिए जाने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को कूड़ा उठाने वालों ने जीरकपुर नगर परिषद के गेट के सामने धरना दिया और इस प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की। यह जानकारी देते हुए प्रदेश महासचिव पवन गोडयाल ने बताया कि यह ठेका देकर नगर परिषद वाल्मीकि समुदाय को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने का यह पेशा उनका स्वरोजगार है, जिसमें नगर परिषद उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं देती, बल्कि उन्होंने एक घर को दूसरे घर से जोड़कर यह स्वरोजगार स्थापित किया है, जिसके बदले में उनसे प्रति घर 100 से 150 रुपये सुविधा शुल्क के रूप में लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को उन्हें रोजगार देना था, लेकिन वह उनके रोजगार के संसाधनों को छीनने की कोशिश कर रही है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह और सफाई कर्मचारी आयोग पंजाब के चेयरमैन चंदन ग्रेवाल की अध्यक्षता में यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ नगर निगम भवन सेक्टर 35, चंडीगढ़ में बैठक हुई थी। इस बैठक में मंत्री से इन दिए जा रहे ठेकों पर विचार करने को कहा गया और चेयरमैन चंदन ग्रेवाल ने भी कहा कि जब तक सरकार के स्तर पर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक कहीं भी कोई ठेका लागू नहीं किया जाएगा। इसलिए पंजाब सफाई मजदूर फेडरेशन मांग करती है कि नगर परिषद द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का ठेका देने की कार्रवाई को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। अन्यथा संगठन शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम बंद करके शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होगा।