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मां नंदा देवी से शिवजी की बारात तक : गढ़वाल भवन में सजी देवभूमि की सांस्कृतिक महफिल

स्वामी माधवाश्रम जी की स्मृति में उत्तराखंड की लोकधरोहर का अद्भुत प्रदर्शन

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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 19 जनवरी

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चंडीगढ़ के सेक्टर-29 स्थित गढ़वाल भवन रविवार को ऐसा लगा जैसे उत्तराखंड की देवभूमि यहां सजी हो। मां नंदा देवी की स्तुति और शिवजी की बारात के गीतों के साथ शुरू हुए इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में दर्शकों ने पूरे दिल से उत्तराखंड की लोकधरोहर को महसूस किया। सुप्रसिद्ध लोकगायिका पूनम सती और लोकगायक विवेक नौटियाल की सुरमई प्रस्तुतियों ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे।

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कार्यक्रम का आयोजन श्री केदार बद्री ब्राह्मण सभा ने जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम जी महाराज की स्मृति में किया। इस अवसर पर स्वामी जी पर आधारित एक विशेष पत्रिका का विमोचन भी हुआ, जिसमें उनके जीवन और कार्यों का सम्मानपूर्वक वर्णन किया गया।

गीतों से बंधा अनोखा रिश्ता

लोकगायिका पूनम सती और लोकगायक विवेक नौटियाल ने अपने गीतों से उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को मंच पर जीवंत कर दिया। "मां नंदा देवी" और "शिव बारात" जैसे गीतों ने ऐसा माहौल बनाया जैसे गढ़वाल की वादियां चंडीगढ़ में उतर आई हों। गीतों की मधुर धुन पर झूमते हुए दर्शक बार-बार कलाकारों की प्रशंसा में तालियां बजाते नजर आए।

आयुषी जुयाल के संचालन ने बढ़ाई शोभा

गढ़वाली अभिनेत्री आयुषी जुयाल ने अपने प्रभावशाली संचालन से कार्यक्रम को और भी यादगार बना दिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें पं. किशोरी लाल बडोनी, आचार्य उपेंद्र बेंजवाल, महंत आशीष वाशिष्ठ, सभा के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद नौटियाल और प्रधान नंदकिशोर भट्ट सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

गढ़वाल भवन में लगेगी स्वामी माधवाश्रम जी की तस्वीर

गढ़वाल सभा के प्रधान शंकर सिंह पंवार ने कार्यक्रम के अंत में घोषणा करते हुए कहा कि स्वामी माधवाश्रम जी उत्तराखंड की विरासत हैं। उनकी तस्वीर जल्द ही गढ़वाल भवन में स्थापित की जाएगी ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान से प्रेरणा ले सकें।

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