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दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से लेकर हिमाचल तक पानी ही पानी, सड़कें लबालब, कई जगह स्थिति खतरनाक

दैनिक ट्रिब्यून टीम नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 8 जुलाई लगातार 36 घंटे से हो रही बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में जल प्लावन जैसी स्थिति हो गयी है। हरियाणा-पंजाब की...

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मोहाली का एक नजारा।
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दैनिक ट्रिब्यून टीम

नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 8 जुलाई

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लगातार 36 घंटे से हो रही बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में जल प्लावन जैसी स्थिति हो गयी है। हरियाणा-पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ के चारों ओर हालात बेहद खराब हैं। पंजाब में सड़कें लबालब हैं। लोगों को सड़क पर गले तक भरे पानी से पार होना पड़ रहा है। इसी तरह मोहाली में एक जगह पुल टूट गया। हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और भूस्खलन सहित अन्य घटनाओं में बीती रात से अब तक 7 लोगों की जान चल गई है। राज्य में भारी वर्षा से जुड़ी अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में जारी भारी से अति भारी वर्षा के कारण जहां सार्वजनिक और निजी संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर दर्जनों सड़के बंद हो गई हैं और सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित है। भारी वर्षा के कारण राज्य के सभी नदी-नाले उफान पर हैं। मंडी में पंडोह डैम के फ्लड गेट खोल दिए जाने के चलते मंडी शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और ब्यास नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है।

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शिमला जि़ला की उप तहसील कोटगढ़ की मधावनी पंचायत के पानेवली गांव में हुए भूस्खलन की चपेट में आ जाने से एक दंपत्ति और उनके बच्चे की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अनिल(32), उनकी पत्नी किरण(31) और बेटे स्वप्निल(11) की मौत हो गई। इस घटना में जयचंद और उनकी पत्नी वीना देवी घायल हो गए।

कैथल में रविवार आधी रात के बाद से बरस रही बरसात के कारण पूरा शहर जलमग्न हो गया है। ‌लगातार हो रही बरसात के कारण शहर की सड़कें चौराहे और मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं। ‌शहर के निचले इलाकों में बसी कॉलोनियों के घरों में पानी भर गया है। शहर की सीवरेज व्यवस्था ठप होने के कारण बरसात के पानी की निकासी नहीं हो रही है। ‌कैथल में पिछले 2 दिनों से 27 एमएम बरसात हो चुकी है। पूंडरी में सबसे अधिक 50 एमएम के लगभग बरसात दर्ज की गई है। ‌ आईएमडी द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार कैथल में 13 जुलाई तक बरसात जारी रहेगी। ‌मौसम विभाग ने प्रदेश के जिन 9 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है उनमें कैथल भी शामिल है। ‌

शहर की सड़कें लबालब, निकासी ठप, लोग परेशान

अभी एक दिन पहले हुई बरसात के कारण हुए जलभराव से शहर के लोग उभर भी नहीं पाए थे कि रविवार को फिर से जोरदार बरसात हुई। शहर की अंबाला रोड, कुरुक्षेत्र रोड, करनाल रोड जैसी सबसे व्यस्त सड़कों पर बरसात के कारण पानी भर गया। वाहन चालकों को तलाब बनी इन सड़कों से होकर गुजरने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा देवीगढ़ रोड, लेखराज मिगलानी मार्ग, उद्योग मार्ग, पार्क रोड और छात्रावास रोड पर भी भारी पानी जमा हो गया। इसके अलावा जोरदार बरसात के कॉलोनी शहर के कई मोहल्लों में भी पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया। नानक पुरी कॉलोनी अर्जुन नगर सुभाष नगर बालाजी कॉलोनी अमरगढ़ गामडी सहित एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों में सीवरेज ठप होने के कारण पानी घरों में भर गया। ‌नगर परिषद की चेयर पर्सन सुरभि गर्ग का कहना है कि शहर के तमाम नालों की सफाई करवा दी गई है। बरसात रुकने के बाद दोबारा नालों की सफाई करवा कर पानी की निकासी करवा दी जाएगी। भाजपा नेता व चेयरपर्सन प्रतिनिधि सुरेश गर्ग का कहना है कि पब्लिक हेल्थ ने न तो उनके अधीन आने वाले नालों की सफाई करवाई और ना ही सीवरेज की सफाई करवाई। जिस कारण लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने इस बारे में उपायुक्त को भी अवगत करवा दिया था। लोगों के घरों में पानी बरसात का नहीं बल्कि सीवरेज के बैक मारने से घुसा है। इसलिए पब्लिक हेल्थ को सीवरेज की निकासी और सफाई की व्यवस्था करने के लिए दोबारा कहा जाएगा।

कैथल के लिए मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने प्रदेश के जिन 9 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उनमें कैथल भी शामिल है। ‌ आईएमडी के अनुसार इंद्री, रादौर, थानेसर, शाहाबाद, अंबाला, कालका, बराडा, जगाधरी, छछरौली, नारायणगढ़, पंचकूला व इनके आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना है। इसी प्रकार हिसार, फतेहाबाद, टोहाना, रतिया, रोहतक, हांसी, आदमपुर, नारनौंद , गन्नौर, घरौंडा, करनाल, महम, गोहाना, जुलाना, इसराना, सफीदों, जींद, पानीपत,असंध , कैथल, नरवाना, कलायत, पेहवा व इनके आसपास के क्षेत्रों में हलकी से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है।

चार दिन जारी रहेगी इसी तरह बरसात, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून टर्फ़ सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ बना हुआ है। ये अब जैसलमेर, कोटा, शिवपुरी, सीधी, बालासोर से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी की तरफ से मानसूनी हवाएं आ रही है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर पश्चिमी राजस्थान के ऊपर है। इससे अरब सागर की तरफ से भी नमी वाली हवाएं भी आ रही हैं। इससे वातावरण में नमी की अधिकता के चलते 9 व 10 जुलाई के दौरान हरियाणा में हवाओं व गरज चमक के साथ ज्यादातर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश के भी आसार हैं। परंतु 11 व 12 जुलाई को राज्य के पश्चिमी जिलों में आंशिक बादलवाई व कहीं-कहीं छिटपुट बूंदाबांदी और उत्तरी व दक्षिणी जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना है। 13 जुलाई से एक बार फिर से राज्य में बारिश की संभावना बन रही है।

बरसात में कृषि विशेषज्ञों की सलाह से धान की रोपाई करें किसान

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर करमचंद ने बताया कि जिला कैथल में 4 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की जा रही है। अधिक बरसात को देखते हुए किसानों को अभी कुछ समय के लिए धान की रोपाई का कार्य स्थगित कर देना चाहिए। ‌खेतों में अधिक जलभराव होने के कारण धान के पौधों का धरती में जमाव नहीं होगा। ‌ नीचाईवाले जिन क्षेत्रों में धान लगी हुई है उनमें बरसात के कारण नुकसान हो सकता है। ‌जब तक पानी से धान की पत्ती बाहर रहती है तो फसल को अधिक नुकसान नहीं होता। ‌लेकिन धान की पत्ती डूबने के बाद किसानों को पानी की निकासी का प्रबंध करना चाहिए। ‌कृषि विज्ञान केंद्र कैथल के वैज्ञानिक डॉ. जसबीर सिंह ने बताया कि किसान इस समय ट्यूबवेल से पानी की सिंचाई न करके बारिश के पानी से धान की रोपाई करें। यदि उन्हें किसी प्रकार से कोई परेशानी धान रोपाई के समय आए तो किसान वैज्ञानिकों की सलाह लें। ऐसे में उन्हें किसी प्रकार के नुकसान होने का अंदेशा नहीं रहेगा।

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