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PGI एफओटीआई सम्मेलन: सामुदायिक नेत्र चिकित्सा के जरिए हर नजर तक रोशनी पहुंचाने का संकल्प

नेत्र शिक्षा और सामुदायिक नेत्र चिकित्सा में सुधार पर केंद्रित हुआ सम्मेलन
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 12 जनवरी

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हर आंख के पीछे एक सपना है, और हर सपने को रोशनी चाहिए।" इसी विचार को मूर्त रूप देने के लिए पीजीआईएमईआर के एडवांस्ड आई सेंटर में भारत के नेत्र शिक्षकों के मंच (एफओटीआई) का 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन सफलता के साथ संपन्न हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन ने नेत्र शिक्षा और सामुदायिक चिकित्सा को एक नई दिशा देने का प्रयास किया। देशभर से आए 200 से अधिक विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा करते हुए इस क्षेत्र में बदलाव की नई राहें सुझाईं।

इस बार सम्मेलन की थीम "सामुदायिक नेत्र चिकित्सा" थी। इसकी झलक चंडीगढ़ के जगतपुरा गांव में आयोजित नेत्र जांच शिविर में देखने को मिली, जहां लियो क्लब चंडीगढ़ सेंट्रल के सहयोग से सैकड़ों बच्चों की आंखों की जांच की गई। इस मौके पर एफओटीआई के महासचिव प्रो. स्वपन के. सामंता ने कहा, "हमारी असली परीक्षा तब होती है, जब हमारी सेवाएं ग्रामीण और जरूरतमंद समुदायों तक पहुंचती हैं।"

सम्मानित हुए नेत्र चिकित्सा के दिग्गज

सम्मेलन ने उन दिग्गजों को सम्मानित किया, जिन्होंने नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया। पूर्व पीजीआई निदेशक प्रो. जगत राम और एडवांस्ड आई सेंटर के पूर्व प्रमुख प्रो. मंगत डोगरा को "सुश्रुत सम्मान" से नवाजा गया। इसके अलावा, डॉ. उषा सिंह और डॉ. सवलीन कौर को "डिस्टिंग्विश्ड टीचर्स ऑफ इंडिया" पुरस्कार प्रदान कर उनके समर्पण और नवाचार को सराहा गया।

नेतृत्व की नई जिम्मेदारी

सम्मेलन के समापन सत्र में एडवांस्ड आई सेंटर के प्रमुख प्रो. एस.एस. पांडे को एफओटीआई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। प्रो. पांडे ने अपने संबोधन में कहा, "हमारा लक्ष्य नेत्र शिक्षा और सामुदायिक नेत्र चिकित्सा को देश के हर कोने तक पहुंचाना है।"

एईसी टीम की भूमिका

इस आयोजन को सफल बनाने में एडवांस्ड आई सेंटर की टीम—डॉ. उषा सिंह, डॉ. रामदीप सिंह, डॉ. मनप्रीत सिंह, डॉ. पारुल चावला, और डॉ. बसवराज तिगारी—की भूमिका अहम रही। प्रो. एस.एस. पांडे के मार्गदर्शन में इस आयोजन ने नई उम्मीदों और नवाचारों को जन्म दिया।

सम्मेलन का संदेश: रोशनी हर आंख तक पहुंचे

एफओटीआई सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह नेत्र शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की शुरुआत थी। सामुदायिक नेत्र चिकित्सा के जरिए हर जरूरतमंद तक पहुंचने और हर आंख को रोशनी देने का संकल्प इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण रहा।

इस सफल आयोजन ने यह संदेश दिया कि जब शिक्षा, सेवा और समर्पण का मेल होता है, तो हर सपना रोशन हो सकता है।

 

 

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