मनुष्य को अहंकार से मुक्त करती है क्षमा : कटारिया
पंजाब राजभवन के गुरु नानक सभागार में रविवार को क्षमायाचना दिवस का आयोजन भक्ति, संत प्रवचनों और आत्मचिंतन का अद्वितीय संगम बन गया। पूरा सभागार पावन वाणी से गूंज उठा और वातावरण करुणा व शांति से सराबोर हो गया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि क्षमा आत्मा का सच्चा आभूषण है, यही मनुष्य को अहंकार से मुक्त करती है और समाज में शांति व सद्भावना की आधारशिला रखती है।
सुखदर्शन मुनि ने अपने प्रवचन में क्षमा को आत्मा की सर्वोच्च साधना बताते हुए कहा कि यह वीरता का सच्चा प्रतीक है। महादेव मुनि और संतोष साध्वी ने क्षमा को आत्मशुद्धि का मार्ग बताया। सुधेश साध्वी ने कहा कि करुणा जीवन का आधार है और क्षमा आत्मबल को बढ़ाती है। वहीं विनय मुनि, अभय कुमार, आलोक मुनि, आशीष मुनि, उत्तम मुनि, विरह मुनि और सुधाकर मुनि ने अपने संत वचनों से श्रद्धालुओं को करुणा और मैत्री अपनाने की प्रेरणा दी। राज्यपाल कटारिया ने भावुक स्वर में कहा कि यदि मेरे मन, वचन या कर्म से, जाने-अनजाने किसी को दुःख पहुंचा हो, तो मैं क्षमा याचना करता हूं-मिच्छामि दुक्कडम। उनके इन शब्दों ने पूरे सभागार को गहराई से प्रभावित किया और वातावरण क्षमा व करुणा की भावना से भर उठा।