चंडीगढ़, 15 जून (ट्रिन्यू)
पीजीआई में फरीदकोट के 20 साल के युवा के ब्रेन डेड होने पर उसके परिजनों की ओर से अंगदान की सहमति देने पर पांच मरीजों को नई जिंदगी मिली। इसमें पीजीआई ने ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से हार्ट को दिल्ली भेज कर वहां एक मरीज में ट्रांसप्लांट कर उसकी जिंदगी को बचाया तो शेष चार मरीजों की जिंदगी को पीजीआई में उपचाराधीन मरीजों में अंग ट्रांसप्लांट किये गए। पीजीआई में किडनी, लिवर व कार्निया को ट्रांसप्लांट किया गया। निदेशक प्रो. विवेक लाल ने परिवार के सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके बेटे के निधन पर उन्हें बहुत दुख है लेकिन परिवार की ओर से अंगदान करने से पांच मरीजों को जीवन मिलने से उनका बच्चा एक नहीं पांच लोगों के परिवारों में याद रखा जाएगा।
फरीदकोट के रहने वाला 20 साल का युवक, जो गत 4 जून को अपने मोटरसाइिकल से काम पर जा रहा था, को एक दोपहिया वाहन ने टक्कर मार दी थी। 14 जून को डाक्टरों की टीम ने मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।