पांच करोड़ की फिरौती की गुत्थी सुलझी : विदेशी नंबर और धमकी भरे पत्र से गिरोह तक पहुंची पुलिस, तीन गिरफ्तार
शिकायतकर्ता के अनुसार, यह कहानी 29 जुलाई से शुरू हुई थी जब उसे एक विदेशी नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने उसकी पहचान बताई और तुरंत फोन काट दिया। इसके बाद 20 सितंबर को धमकी भरा वॉयस नोट भेजा गया और 21 सितंबर को उसके घर के लेटर बॉक्स से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाला पत्र बरामद हुआ। पत्र में साफ लिखा था कि पैसे न देने पर शिकायतकर्ता और उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा। इतना ही नहीं, 23 सितंबर को फिर धमकी दी गई। परेशान होकर पीड़ित ने 25 सितंबर को सेक्टर-7 थाना पुलिस को शिकायत दी, जिसके आधार पर मामला दर्ज हुआ और क्राइम ब्रांच-19 को जांच सौंपी गई।
एसीपी क्राइम अरविंद कंबोज ने बताया कि डीसीपी क्राइम मनप्रीत सिंह सूदन के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। क्राइम ब्रांच-19 के इंचार्ज मुकेश कुमार और एएसआई प्रदीप ने तकनीकी जांच और निगरानी के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की।
26 सितंबर को पुलिस ने पहले आरोपी सुखविन्द्र सिंह को लुधियाना की अनाज मंडी से पकड़ा। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने अपने भाई संदीप सिंह और दोस्त राजेश दुबे के साथ मिलकर फिरौती की योजना बनाई थी। इसके बाद पुलिस ने मोहाली के पास सिटी सेंटर से संदीप और राजेश को भी गिरफ्तार कर लिया।
सामने आया सच
जांच में यह खुलासा हुआ कि धमकी भरी कॉल सुखविन्द्र ने की थी, जबकि पत्र डालने का काम संदीप और राजेश ने किया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 308(2), 308(4) के अलावा संगठित अपराध की धारा 111 भी जोड़ी है। पुलिस को शक है कि यह गिरोह हरियाणा में अन्य वारदातों में भी शामिल रहा है। रिमांड अवधि के दौरान आरोपियों से पूछताछ कर अन्य घटनाओं की जानकारी जुटाई जाएगी। साथ ही उनकी निशानदेही पर और मोबाइल फोन व सिम बरामद करने की तैयारी है।