चंडीगढ़, 7 मई (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ में पहले मानव मिल्क बैंक की स्थापना मदर डे पर की गई। ये सुविधा उन नवजात शिशुओं को मुफ्त दी जाएगी जो शुरुआत के हफ्तों में मां के दूध से वंचित रह जाते हैं। बैंक को शुरू करने से पहले आईएमए में चर्चा हुई। इस चर्चा में आईएमए चंडीगढ़ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमणीक शर्मा, शहर के प्रमख चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. आरएस बेदी और डॉ. विक्रम बेदी ने हिस्सा लिया। यह बैंक सेक्टर 33 में स्थापित किया गया है।
इस मौके पर डॉ. बेदी ने बताया कि कई बार प्री टर्म यानी समय से पहले जन्मे बच्चों को बचाने में मां का दूध बहुत बड़ी भूमिका निभाता है और यह जान बचाने वाला साबित हो सकता है, इसलिए इसकी महत्ता जीवन रक्षक के रूप में मानी जा सकती है। मिल्क बैंक सुविधा पूरे नार्थ रीजन के नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित होगी।
डॉ. रमणीक बेदी ने बताया कि माताएं अपना दूध यहां दान कर सकती हैं जिससे नवजात शिशु को समय पर दूध उपलब्ध कराया जा सके। इंडियन रिप्रोडक्टिव सोसायटी की चंडीगढ़ की अध्यक्ष गाइनिकॉलजिस्ट डॉ. जीके बेदी ने बताया कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। कुछ माताएं अपने बच्चे को शुरुआती हफ्तों में दूध पिलाने में असमर्थ होती हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों के विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। इन बच्चों के लिए मानव दुग्ध बैंक किसी वरदान से कम नहीं है। वर्किंग मदर निहारिका ने बताया कि जॉब पर जाने के समय कृत्रिम दूध देने के विचार से मुझे अच्छा नहीं लगता था। ट्राईसिटी की कामकाजी माताओं की एक बड़ी आबादी के लिए यह मिल्क बैंक एक बड़ा वरदान साबित होने वाला है।
200 लीटर की है कैपेसिटी
डॉ. विक्रम बेदी ने कहा कि वर्तमान में हमारे हमारे पास स्टोरेज कैपेसिटी 200 लीटर तक है। वहीं हम वैज्ञानिक प्रक्रियाओं का उपयोग करके मां के दूध को पाउडर फार्म में 6 महीने तक स्टोर करके सुरक्षित रख सकते हैं। बता दें कि चंडीगढ़ में मौजूद ‘मानव दूध बैंक’ देश का 53वां प्रबंधक केंद्र हैं।