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Festival of Lights 2025 : दीपावली मनाएं खुशी, सावधानी और सुरक्षा के साथ - पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ की अपील

प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने दी सुरक्षित व पर्यावरण अनुकूल दीपावली मनाने की सलाह
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Festival of Lights 2025 : दीपों का पर्व दीपावली खुशियों और एकजुटता का प्रतीक है। इस बार इसे जिम्मेदारी और सुरक्षा के साथ मनाएं ताकि न केवल आप और आपका परिवार सुरक्षित रहें, बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित रहे।

पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने लोगों से अपील की है कि दीपावली के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें ताकि दुर्घटनाओं और जलने की घटनाओं से बचा जा सके।

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विभाग ने दिए ये सुझाव:

दीये, मोमबत्तियां या पटाखे जलाते समय ढीले या सिंथेटिक कपड़े न पहनें।

पटाखे जलाते समय कम से कम एक हाथ की दूरी बनाए रखें।

ऐसे पटाखे जो नहीं फूटे हों, उन्हें दोबारा न उठाएं—इससे गंभीर हाथ और चेहरे की चोटें हो सकती हैं।

जले हुए पटाखों को पानी या रेत से भरी बाल्टी में डालकर सुरक्षित तरीके से निस्तारित करें।

पटाखे फोड़ते समय जूते पहनें ताकि पैरों की सुरक्षा रहे।

कभी भी हाथ में पकड़कर पटाखे न जलाएं—यह दिखावे का साहस नहीं, बल्कि गंभीर खतरा है।

हर साल दीपावली के समय प्लास्टिक सर्जरी विभाग में कई मरीज हाथों और चेहरे की गंभीर चोटों के साथ आते हैं। इनमें से कई मामलों में गहरी जलन, उंगलियों की कटाई और हाथ की स्थायी क्षति तक हो जाती है।

यदि जलन हो जाए तो क्या करें:

तुरंत जले हुए हिस्से पर साफ, ठंडा पानी डालें जब तक जलन का एहसास बंद न हो जाए।

टूथपेस्ट, मक्खन, स्याही या कोई घरेलू पदार्थ न लगाएं।

सूजन शुरू होने से पहले अंगूठियां या तंग गहने उतार दें।

अगर कपड़ों में आग लग जाए तो “रुकें, लेटें और लुढ़कें” (Stop, Drop and Roll) का नियम अपनाएं।

रुकें — ताकि आग फैल न सके।

लेटें — ताकि आग चेहरे तक न पहुंचे।

लुढ़कें — ताकि आग बुझ सके।

अगर संभव हो तो मोटे कंबल या चादर से आग बुझाएं।

अतिरिक्त सावधानियां:

दीये या पटाखे जलाते समय पास में पानी की बाल्टी या फायर एक्सटिंग्विशर रखें।

आंख में चोट लगने पर आंख न मलें, साफ पानी से धोएं और तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।

विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल पराशर ने कहा कि दीपावली पर जलने और हाथ की अधिकांश चोटें सावधानी और जागरूकता से पूरी तरह टाली जा सकती हैं। विभाग ने त्योहारी सीजन के दौरान बर्न इंजरी प्रबंधन के लिए चौबीसों घंटे विशेषज्ञ टीम की व्यवस्था की है।

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