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Father’s Day पिता-पुत्र के रिश्ते की मिसाल: बेटे ने दिया जीवन का सबसे बड़ा तोहफ़ा

चंडीगढ़, 15 जून (ट्रिन्यू)फ़ादर्स डे से पहले हरियाणा के एक युवक ने अपने पिता को जीवनदान देकर रिश्तों की गहराई को नई परिभाषा दी। कॉलेज में पढ़ने वाले इस बेटे ने अपने बीमार पिता को बचाने के लिए अपने जिगर...
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चंडीगढ़, 15 जून (ट्रिन्यू)
फ़ादर्स डे से पहले हरियाणा के एक युवक ने अपने पिता को जीवनदान देकर रिश्तों की गहराई को नई परिभाषा दी। कॉलेज में पढ़ने वाले इस बेटे ने अपने बीमार पिता को बचाने के लिए अपने जिगर (लिवर) का आधा हिस्सा दान किया। यह जटिल लिवर प्रत्यारोपण मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फ़रीदाबाद में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

51 वर्षीय जोगिंदर चावला बीते दो वर्षों से गंभीर लिवर रोग से पीड़ित थे। पीलिया, पेट में पानी भरना और आंतों से रक्तस्राव जैसी समस्याओं ने उनकी हालत को चिंताजनक बना दिया था। इलाज के सारे विकल्प समाप्त होने के बाद जब डॉक्टरों ने प्रत्यारोपण की सलाह दी, तो बेटे ने बिना देर किए आगे बढ़कर जीवनदायिनी भूमिका निभाई।

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बेटे का रक्त समूह मेल खा गया और उसने अपने पिता को बचाने के लिए आधा लिवर दान करने का साहसी निर्णय लिया। परिवार के लिए यह फैसला भावनात्मक रूप से कठिन था, लेकिन बेटे के दृढ़ निश्चय ने सबको संबल दिया। “पापा हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं, अब मेरी बारी थी,” उसने कहा।

डॉ. पुनीत सिंगला की अगुवाई में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स की विशेषज्ञ टीम ने यह ऑपरेशन आधुनिकतम तकनीकों के साथ किया। उन्होंने बताया कि लिविंग-डोनर लिवर ट्रांसप्लांट एक तकनीकी चुनौती होता है, लेकिन अनुभवी टीम और अत्याधुनिक सुविधाओं की मदद से यह सुरक्षित और सफल रहा।

इस प्रत्यारोपण के बाद पिता और पुत्र दोनों की हालत स्थिर है और उन्हें स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। चावला परिवार अब इस फ़ादर्स डे को एक नए जीवन के साथ विशेष रूप से मना रहा है।

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