Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

किसानों ने मांगों को लेकर चंडीगढ़ में लगाया मोर्चा

राजीव तनेजा/हप्र मोहाली, 1 सितंबर भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) व पंजाब खेत मजदूर यूनियन की ओर से चंडीगढ़ में मोर्चा लगाया गया है। रविवार सुबह से ही किसान मोहाली पहुंचना शुरू हो गए थे। मोहाली के बॉर्डर एरिया पर...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
रविवार को ट्रालियों सहित चंडीगढ़ पहुंचे किसान
Advertisement

राजीव तनेजा/हप्र

मोहाली, 1 सितंबर

Advertisement

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) व पंजाब खेत मजदूर यूनियन की ओर से चंडीगढ़ में मोर्चा लगाया गया है। रविवार सुबह से ही किसान मोहाली पहुंचना शुरू हो गए थे। मोहाली के बॉर्डर एरिया पर पुलिस फोर्स तैनात की हुई थी। करीब 15 सौ पुलिसकर्मी सड़कों पर डटे हुए थे। हालांकि किसान आज चंडीगढ़ में प्रवेश कर गए हैं। उन्हें चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से सेक्टर-34 में जगह दी गई है।

Advertisement

किसान कर्ज माफी समेत 8 मांगों को लेकर प्रदर्शन रहे हैं। किसान ट्रॉलियों में राशन और अन्य जरूरी सामान लेकर आए हैं। किसानों का कहना है कि कल वे अपना ज्ञापन सरकार को सौंपेंगे। किसानों ने बताया कि मजबूरी में उन्होंने यह राह चुनी है। अब वह पीछे मुड़ने वाले नहीं हैं। वैसे तो किसानों को मोहाली बॉर्डर पर ही रोक दिया जाता था लेकिन इस बार चंडीगढ़ प्रशासन ने किसानों को सेक्टर-34 में प्रदर्शन के लिए मंजूरी दी है, जिस कारण मोहाली पुलिस ने किसानों को रोका नहीं। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ 2 सितंबर को किसान पंचायत रखी गई है।

5 को मीटिंग कर तय की जाएगी रणनीति

किसान नेताओं ने बताया कि 2 सितंबर को पंजाब विधानसभा का मानसून सेशन शुरू होगा। ऐसे में यूनियन की तरफ से सरकार को मांगपत्र सौंपा जाएगा। इसके बाद सेशन के दौरान देखा जाएगा कि सरकार की तरफ से क्या फैसला लिया जाता है। 4 सितंबर को विधानसभा सेशन संपन्न होगा। इसके बाद 5 सितंबर को यूनियन की मीटिंग होगी। इसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी। प्रदर्शन में किसान अपने परिवारों सहित शामिल हुए हैं। किसान नेताओं का कहना है कि वे गत डेढ़ साल से खेती नीति बनाने की मांग लगातार कर रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है।

सेक्टर 34 में प्रदर्शन स्थल पर लाइट, टेंट और खाने-पीने के जरूरी प्रबंध करते हुए

इन रास्तों से पहुंचे किसान

किसानों को चंडीगढ़ पहुंचने के लिए मोहाली के चार बॉर्डर क्रॉस करने पड़े। हालांकि आज किसी बॉर्डर पर किसानों को रोका नहीं गया। चंडीगढ़-अंबाला हाइवे पर झरमड़ी बॉर्डर पर लालड़ू पुलिस ने बेरीकेड लगाकर नाकाबंदी की हुई थी। अजीजपुर टोल प्लाजा से छत लाइट प्वाइंट रास्ते से किसान मोहाली पहुंचे। वहीं, आइसर से चंडीगढ़ ट्रिब्यून मार्ग पर जगतपुरा के पास पुलिस नाकाबंदी की थी। फेज-7 से चंडीगढ़ की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर बंदी सिखों की रिहाई के लिए एक रास्ता पक्के तौर पर बंद है। वहीं दूसरा रास्ता आवजाही के लिए खुला था। एजुकेशन बोर्ड से बुड़ैल जेल चंडीगढ़ के रास्ते पर भी पुलिस ने नाकाबंदी की थी लेकिन यहां भी किसानों को रोका नहीं गया। मुल्लांपुर न्यू चंडीगढ़ से भी किसान चंडीगढ़ पहुंचे।

किसी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए मौके पर तैनात रैपिड एक्शन फोर्स के जवान। -सभी चित्र : प्रदीप तिवारी

किसानों की ये हैं मुख्य मांगें

किसानों की मांग है कि पंजाब के हर खेत तक नहरी पानी पहुंचाया जाए और हर घर को पीने के लिए साफ पानी दिया जाए। झरने के पानी की उचित रिचार्जिंग की जाए, पंजाब के नदी जल के मुद्दे और संविधान के मुताबिक समाधान निकाला जाए, फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाए, नदियों और नहरों में प्रदूषित पानी के प्रवाह को रोका जाए,किसानों और मजदूरों का ऋण माफ किया जाए, आत्महत्या पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और जीवन भर सरकारी नौकरी देना लागू किया जाए, दिल्ली आंदोलन की बाकी मांगें, सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदना, भारत माला परियोजना के तहत सड़कों के निर्माण के दौरान जल क्रॉसिंग के पास पिल्लर पर सड़कें बनाना, भारत-पाकिस्तान व्यापार के लिए अटारी-वाघा और हुसैनीवाला, सुलेमान सीमा को खोला जाए, अनुकूल फसल बीमा योजना, बिजली वितरण का निजीकरण बंद कर स्मार्ट मीटर लगाया जाए,आवारा जानवरों से फसलों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए, दिल्ली आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों-मजदूरों का स्मारक बनाया जाए, शहीद किसानों के वारिसों को मुआवजा व नौकरी दी जाए, आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे रद्द किए जाएं, कृत्रिम खाद, कीटनाशक व बीज पर रोक लगाई जाए, बाढ़ से फसल क्षति का मुआवजा दिया जाए।

Advertisement
×