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फसलों का उचित मूल्य नहीं, किसान हर बोरी पर 600 तक का घाटा झेलने को मजबूर : ढांडा

धान और बाजरे की एमएसपी पर खरीद न होने पर आप का सरकार पर निशाना हरियाणा में धान और बाजरे की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू हुए 14 दिन हो चुके हैं, लेकिन किसानों को उनका उचित मूल्य नहीं मिल...

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चंडीगढ़
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धान और बाजरे की एमएसपी पर खरीद न होने पर आप का सरकार पर निशाना

हरियाणा में धान और बाजरे की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू हुए 14 दिन हो चुके हैं, लेकिन किसानों को उनका उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने रविवार को प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र द्वारा तय धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2389 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन मंडियों में किसानों को केवल 1700 से 1900 रुपये मिल रहे हैं।

इससे किसानों को प्रति क्विंटल 500 से 700 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। ढांडा ने बताया कि 22 सितंबर से खरीद प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद 70 प्रतिशत मंडियों में हालात बेकाबू हैं। बारदाने की कमी, तौल कांटों की खराबी, नमी कटौती और प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसान मंडियों और सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं।

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रोहतक, गोहाना, कैथल, सिरसा, फतेहाबाद, करनाल और पानीपत में हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा सड़ रहा है। बाजरे की खरीद अभी भी कई जिलों में शुरू नहीं हुई है। मजबूरी में किसान 1400 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल में बाजरा बेच रहे हैं, जिससे हर बोरी पर 700 से 800 का नुकसान हो रहा है।

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ढांडा ने सरकार से मांग की कि बाजरे की सरकारी खरीद तुरंत शुरू की जाए, नमी की सीमा 25 प्रतिशत तक बढ़ाई जाए, सभी मंडियों में डिजिटल कांटे लगाए जाएं और भीगी फसल का पूरा मुआवजा दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो आम आदमी पार्टी किसानों के हक के लिए आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।

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