चंडीगढ़, 17 जुलाई (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा सभी अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में कंपार्टमेंट/री-अपीयर छात्रों को एक गोल्डन चांस दिये जाने के बारे में सर्कुलर सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है जिसे पीयू प्रशासन ने पूरी तरह से फेक बताते हुए कहा है कि छात्र या अभिभावक इस फेक सर्कुलर पर भरोसा न करें क्योंकि पीयू प्रशासन ने इस तरह का कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है और न ही सिंडिकेट या सक्षम बॉडी ने इस बारे में कोई फैसला लिया है।
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर इस फर्जी सर्कुलर में दावा किया जा रहा है कि सिंडिकेट ने 14 जुलाई की बैठक में उन सभी छात्रों को गोल्डन चांस देने का निर्णय लिया है जो किसी कारणवश जून 2016 में दिये गये सुनहरी अवसर में परीक्षा पास नहीं कर पाये थे। इसमें यह भी कहा जा रहा है कि 20 जुलाई से इस परीक्षा के लिये अप्लाई किया जा सकता है, सेमेस्टर सिस्टम वालों को आॅनलाइन अप्लाई करना होगा जबकि एनुअल सिस्टम वालों को सेल काउंटर से फार्म लेकर भरना होगा। इस फर्जी सर्कुलर में अंडरग्रेजुएट के लिये प्रति सेमेस्टर 5000 फीस और पोस्ट ग्रेजुएट के लिये प्रति सेमेस्टर 10000 रुपये फीस का भी उल्लेख किया गया है।
इसमें यह भी दावा किया गया है कि परीक्षाएं मौजूदा सिलेबस के आधार पर ली जायेंगी। पीयू की प्रवक्ता प्रो. नमिता गुप्ता ने इस सर्कुलर को फर्जी बताया है और कहा है कि ऐसा कोई फैसला पीयू प्रशासन ने नहीं लिया है, यह किसी शरारती तत्व का कारनामा है।