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Eye Donation Awareness आंखें दान कर जगमगाईं जिंदगियां

पीजीआई में 40वें नेशनल आई डोनेशन फोर्टनाइट अभियान की शुरुआत
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Eye Donation Awareness पीजीआई चंडीगढ़ के एडवांस्ड आई सेंटर के सभागार में रविवार को भावुक दृश्य देखने को मिले। कुछ परिवारों की आंखों में आंसू थे, लेकिन उनके चेहरों पर संतोष भी झलक रहा था। यह वही लोग थे, जिन्होंने अपने प्रियजनों की आंखें दान कर किसी अजनबी की जिंदगी में उजाला भर दिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल ने किया। उन्होंने तीन डोनर परिवारों को सम्मानित करते हुए कहा कि आपकी यह पहल दो लोगों की जिंदगी रोशन करती है, यही असली मानवता है। नेत्रदान सबसे बड़ा उपहार है, जो मृत्यु के बाद भी किसी की दुनिया को उजाला दे सकता है। 

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देश में बढ़ती कॉर्नियल ब्लाइंडनेस की चुनौती और नेत्रदान की कमी को देखते हुए पीजीआई चंडीगढ़ में सोमवार से 40वां नेशनल आई डोनेशन फोर्टनाइट शुरू हुआ। यह अभियान 25 अगस्त से 8 सितंबर तक चलेगा, जिसका उद्देश्य है जनता में जागरूकता फैलाना और लोगों को नेत्रदान की प्रतिज्ञा के लिए प्रेरित करना।

इस मौके पर नेत्र विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. सुरिंदर एस. पांडव, प्रो. अमित गुप्ता, प्रो. चिंतन मल्होत्रा, डॉ. पारुल चावला गुप्ता के अलावा लायंस क्लब चंडीगढ़ सेंट्रल के वरिष्ठ पदाधिकारी—सतीश भास्कर, संजीव सेठी, हरीश गोयल, सोनिया अरोड़ा, बेहल और संजीव गुप्ता भी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि नेत्रदान समाज का ऐसा पुण्य कार्य है जिसमें हर व्यक्ति को आगे आना चाहिए।

भारत में स्थिति

  • 1.3 मिलियन (10 लाख से अधिक) लोग भारत में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित।
  • हर साल 20 हज़ार नए मरीज इस संख्या में जुड़ते हैं।
  • केवल पीजीआईएमईआर में ही करीब 2000 मरीज प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
  • मगर अस्पताल को हर साल औसतन 400–500 कॉर्निया ही मिल पाते हैं।

पीजीआई की उपलब्धियां (2024)

  • 444 नेत्रदान और 348 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट (78% सफलता दर)।
  • एडवांस्ड सर्जरी : DSAEK (23), DMEK (4), DALK (5)।
  • 31 Optical PK से मरीजों को साफ दृष्टि मिली।
  • 280 मरीज Therapeutic PK व अन्य प्रक्रियाओं से लाभान्वित हुए।
  • 550 लोगों ने नेत्रदान की शपथ ली।
  • 10 नेत्रदान अंगदान के साथ हुए।
  • कुल दान का 60–70% Hospital Cornea Retrieval Programme (HCRP) के जरिए हुआ।

2025 की झलक (जनवरी–जुलाई)

  • 280 नेत्रदान और 195 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट।
  • एडवांस्ड सर्जरी : DSAEK (11), DMEK (3), DALK (5)।
  • 19 Optical PK से उपयोगी दृष्टि बहाल हुई।
  • लगभग 150 मरीज Therapeutic PK से लाभान्वित।

फोर्टनाइट के दौरान गतिविधियां

  • कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित होंगी—
  • स्कूलों व कॉलेजों में जागरूकता प्रोग्राम और प्रतियोगिताएं।
  • अस्पतालों व सार्वजनिक स्थलों पर वॉक, टॉक्स और हेल्थ कैंपेन।
  • कम्युनिटी आउटरीच, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नेत्रदान की प्रतिज्ञा लें।
  • डोनर परिवारों का सम्मान और मीडिया संवाद।

संस्थाओं का सहयोग

इस अभियान में लायंस क्लब, रोटरी क्लब, भारत विकास परिषद, विश्व जागृति मिशन समेत कई सामाजिक संगठन सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इनकी मदद से ही स्वैच्छिक नेत्रदान और कॉर्निया रिट्रीवल कार्यक्रम आगे बढ़ रहा है।

नेत्रदान क्यों महत्वपूर्ण?

  • एक नेत्रदाता की आंखें दो व्यक्तियों को दृष्टि दे सकती हैं।
  • कॉर्नियल ब्लाइंडनेस का इलाज केवल कॉर्नियल ट्रांसप्लांट से ही संभव है।
  • यह दान किसी धर्म, जाति, उम्र या लिंग से परे है।
  • यह मृत्यु के बाद भी जीवन देने का सबसे बड़ा अवसर है।

हेल्पलाइन

पीजीआई ने नेत्रदान के लिए 24×7 हेल्पलाइन जारी की है।

फोन नंबर : 7087008200

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