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पेट और लिवर से जुड़ी एमरजेंसी से कैसे निपटें, बताएंगे एक्सपर्ट

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग का तीन दिवसीय सम्मेलन

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पीजीआई चंडीगढ़ हैंड्स ऑन वर्कशाप की जानकारी देतीं गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर उषा दत्ता व विभाग के अन्य डॉक्टर। -दैनिक ट्रिब्यून
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विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 13 सितंबर

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अस्पतालों में अचानक से पेट और लिवर से जुड़े मामले आते हैं। ऐसे में मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। गंभीर मामलों में डॉक्टर को तुरंत इलाज करना होता है। ऐसे में डॉक्टरों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। एमरजेंसी से कैसे निपटा जाए इस बारे पीजीआई का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग देशभर के करीब 250 स्नातकोत्तर छात्रों (एमडी/डीएम/एमसीएच/एमएस) छात्रों को शिक्षित करेगा। इस संबंध में 8वें पीजीआई जीआई इमरजेंसी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। हैंड्स ऑन वर्कशाप 13 से 15 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। इसमें देशभर से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के एक्सपर्ट भी आएंगे। पत्रकार वार्ता में पीजीआई का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर उषा दत्ता ने बताया कि इमरजेंसी में पेट में अल्सर फट जाना, भोजन की नली यानी ग्रासनली फटना, रक्तस्राव होने के मामले आते हैं। ऐसे में एमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस तीन दिन के जीआई सम्मेलन में बताया गया कि अल्ट्रासाउंड एंडोस्कोपी से तुरंत कैसे बीमारी का पता लगाकर इलाज शुरू किया जाए। उन्होंने बताया कि वर्कशाप में आने वाले डॉक्टरों को पहले माडल्स की मदद से बताया जाएगा कि अल्ट्रासाउंड एंडोस्कोपी कैसे की जाती है। इसके बाद डॉक्टरों मरीजों का इलाज एक्सपर्ट की मौजूदगी में करना भी सीखेंगे। तीन दिवसीय सम्मेलन में सम्मेलन में पैनल डिशक्शन भी होगा। पत्रकार वार्ता में डॉक्टर विशाल शर्मा, डॉक्टर हर्शल एम, डॉक्टर केके प्रसाद, डॉक्टर एसके सिन्हा भी मौजूद रहे।

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