अस्पतालों के सुधार के लिए विशेषज्ञों ने किया मंथन
चंडीगढ़, 25 अप्रैल (ट्रिन्यू)
पीजीआई चंडीगढ़ में आयोजित तीसरा राष्ट्रीय अस्पताल प्रशासन सम्मेलन, हार्ट 2025 का दूसरा दिन स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नवाचार और नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इस सम्मेलन में देशभर से 500 से अधिक अस्पताल प्रशासन विशेषज्ञों ने भाग लिया और अस्पताल प्रशासन में सुधार के लिए अपने दृष्टिकोण साझा किए। स्वास्थ्य सेवा उत्कृष्टता के मुख्य सत्र में विशेषज्ञों ने अस्पताल प्रशासन के कार्यों को विस्तार से समझाया। एम्स दिल्ली के प्रो. सिद्धार्थ सत्पाथी और यूसीएल लंदन के प्रो. प्रीथी जॉन्स ने अस्पताल प्रशासन के भविष्य और आवश्यक कौशल पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र ने यह स्पष्ट किया कि अस्पताल प्रशासन स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता, सुलभता और परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस सत्र में डॉ. नवीन पांडे ने वित्तीय प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की। एम्स मोहाली के प्रो. अनुपम महाजन ने बताया कि कैसे वित्तीय दक्षता न केवल खर्चों को कम करने में मदद करती है, बल्कि यह रोगी देखभाल को भी बेहतर बना सकती है। यह सत्र स्वास्थ्य सेवा में वित्तीय प्रबंधन की अहमियत को रेखांकित करता है।
अंगदान, प्रत्यारोपण सेवाओं को सुदृढ़ करने पर चर्चा
इस सत्र में प्रो. आशीष शर्मा और डॉ. राजा राम चंद्रन ने अंगदान और प्रत्यारोपण सेवाओं को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। डॉ. गग्नीन कौर संधू और प्रो. काजल जैन ने अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और रणनीतियों पर अपने विचार दिए। डॉ. रमन शर्मा द्वारा संचालित इस सत्र में स्वास्थ्य सेवा में कानूनी मुद्दों पर चर्चा की गई, जो अस्पताल प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण हैं। सम्मेलन का समापन सत्र सभी प्रतिभागियों की मेहनत और योगदान को सम्मानित करेगा, जो इस आयोजन की सफलता का प्रतीक होगा।