Excellence in Cardiology डॉ. एचके बाली को ‘इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट ऑफ द ईयर’ सम्मान
Excellence in Cardiology देश के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ और कार्डियक साइंसेज के क्षेत्र में नवाचार के प्रतीक, डॉ. एच.के. बाली को नई दिल्ली में आयोजित नेशनल कार्डियोवैस्कुलर समिट एंड अवॉर्ड्स – बीट 2025 के दौरान ‘इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट ऑफ द...
Excellence in Cardiology देश के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ और कार्डियक साइंसेज के क्षेत्र में नवाचार के प्रतीक, डॉ. एच.के. बाली को नई दिल्ली में आयोजित नेशनल कार्डियोवैस्कुलर समिट एंड अवॉर्ड्स – बीट 2025 के दौरान ‘इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट ऑफ द ईयर’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह आयोजन वॉयस ऑफ हेल्थ केयर द्वारा किया गया था, जिसमें देशभर के अग्रणी कार्डियोलॉजिस्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हुए।
डॉ. बाली को यह सम्मान इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में उनकी दशकों की सेवा, नैदानिक उत्कृष्टता और हृदय रोग उपचार में नवोन्मेषी दृष्टिकोण के लिए दिया गया। उन्होंने देश में हृदय विफलता प्रबंधन और जटिल इंटरवेंशनल प्रक्रियाओं को नई दिशा दी है।
लिवासा हॉस्पिटल, मोहाली में बतौर चेयरमैन, कार्डियक साइंसेज, डॉ. बाली ने एक ऐसी टीम का नेतृत्व किया है जिसने आधुनिक तकनीक और मानवीय संवेदना के संयोजन से हजारों मरीजों को जीवनदान दिया है। अस्पताल में उनके नेतृत्व में हृदय उपचार के कई नए मॉडल विकसित हुए हैं, जिनमें ‘पेशेंट-सेंट्रिक केयर’ पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
लिवासा हॉस्पिटल्स के सीईओ अनुराग यादव ने इस अवसर पर कहा, ‘डॉ. बाली का सम्मान पूरे संस्थान के लिए गर्व का विषय है। यह पुरस्कार न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि हृदय विज्ञान में हमारे सामूहिक समर्पण और मरीजों के जीवन में सुधार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।’
सम्मान मिलने पर डॉ. बाली ने कहा, ‘यह उपलब्धि लिवासा की पूरी कार्डियक टीम के अथक परिश्रम का नतीजा है। हमारा लक्ष्य हमेशा यही रहा है कि हम अपने मरीजों को विश्वस्तरीय, सुलभ और संवेदनशील हृदय देखभाल प्रदान करें।’
कार्यक्रम के दौरान डॉ. बाली ने ‘जेन ज़ेड हार्ट्स अंडर प्रेशर अनपैकिंग द यूथ कार्डियक क्राइसिस’ विषय पर आयोजित विशेष सत्र में बतौर पैनलिस्ट भाग लिया। उन्होंने युवाओं में बढ़ती हृदय संबंधी बीमारियों और भावनात्मक तनाव की गंभीरता पर चर्चा की, साथ ही शुरुआती स्क्रीनिंग और जागरूकता को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।