पंचकूला, 22 सितंबर(ट्रिन्यू)
पहली बार जिला पंचकूला की पिंजौर में स्थित गौशाला में भ्रूण प्रत्यारोपण विधि अपनाई गई है। हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने आयोग के तकनीकी मार्गदर्शन में पिंजौर की श्री कामधेनू गौशाला सदन में स्थापित अनुसंधान केंद्र में गो भक्तों को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह तकनीक हिंदुस्तान की किसी भी गौशाला में पहली बार अपनाई गई है। इस तकनीक को श्री कामधेनू गौशाला की 7 गायों में परीक्षण के तौर पर शुरू किया गया है। इस विधि से पैदा होने वाली बछड़ी कम से कम 18 – 20 लीटर दूध की देने वाली गाय बनेगी। उन्होंने कहा कि यह तकनीक गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु पालन विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा प्रारंभ की गई है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में भी इसी प्रकार से हरियाणा की गौशालाओं को सहायता उपलब्ध करवाते रहेंगे।
इस अवसर पर हरियाणा गौ सेवा आयोग के सचिव डा. चिरंतन कादियान ने बताया कि उच्च दुग्ध उत्पादन वाली देसी गाय को एक प्रक्रिया द्वारा हीट में लाकर गाय के गर्भ धारण करने की स्थिति बनने पर उच्च गुणवत्ता वाले सांड के सेक्स शोर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान करवाया जाता है। ऐसी विधि से भ्रूण तैयार होने चयनित गाय में प्रत्यारोपित किया जाता है।