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तिरुपति रोडवेज पर छापेमारी में ईडी को मिले 2.12 करोड़

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 10 जनवरी (हप्र) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को हरियाणा, चंडीगढ़ और झारखंड में आठ स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत तिरुपति रोडवेज के ठिकानों पर छापेमारी करके 2.12 करोड़ रुपये की नगदी बरामद की...
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मनीमाजरा (चंडीगढ़), 10 जनवरी (हप्र)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को हरियाणा, चंडीगढ़ और झारखंड में आठ स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत तिरुपति रोडवेज के ठिकानों पर छापेमारी करके 2.12 करोड़ रुपये की नगदी बरामद की है। ईडी द्वारा अवैध खनन के एक मामले के संबंध में तिरूपति रोडवेज के मैसर्स गुरप्रीत सिंह सभरवाल, लखमीर सिंह सभरवाल, प्रदीप गोयल, मोहित गोयल और अन्य के ठिकानों पर जांच की थी। ईडी ने पंचकूला के रत्तेवाली गांव में अवैध खनन के संबंध में हरियाणा पुलिस द्वारा पंचकूला में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें कम से कम 35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। रेत, बजरी, बोल्डर और अन्य गौण खनिजों के अनुमेय सीमा से कहीं अधिक खनन से हरियाणा सरकार को 35 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। ईडी की जांच से पता चला कि मैसर्स तिरूपति रोडवेज ने रत्तेवाली गांव में अवैध खनन किया और इसी तरह के अवैध खनन से उत्पन्न अपराध की आय को बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नकद जमा किया गया और बाद में चल-अचल संपत्तियों में निवेश किया गया। तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप आपत्तिजनक साक्ष्यों डिजिटल उपकरण, अचल और चल संपत्तियों के संबंध में आपत्तिजनक दस्तावेज, बैंक लाकर और 2.12 करोड़ नगद बरामद हुए। मामले में ईडी द्वारा कंपनी प्रबंधकों से पूछताछ जारी है। उल्लेखनीय है कि 2022 के मई महीने में विजिलेंस की टीम ने तिरूपति माइनिंग कंपनी के मालिक के घर, कार्यालय व रायपुररानी स्थित खनन साइट पर रेड की थी। जांच में पता चला कि 2022 मई महीने में करीब 1800 से ज्यादा ट्रकों में खनन की सामग्री ले जाया गया था, लेकिन उनमें से सिर्फ 518 ट्रकों का जीएसटी व रायल्टी का बिल जारी किया गया था। एसीबी द्वारा हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की मदद से अलॉट खनन साइट का सर्वे करवाया गया और उसमें अलॉट साइट से ज्यादा एरिया में माइनिंग होना पाया गया। जिसके बाद एसीबी की शिकायत पर तिरुपति माइनिंग कंपनी के मालिक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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