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सिंदूर खेला के साथ दुर्गा पूजा का समापन, मां को दी विदाई

चंडीगढ़, 13 अक्तूबर (हप्र) चंडीगढ़ में रविवार को दुर्गा पूजा के समापन अवसर पर सेक्टर-47 कालीबाड़ी माता मंदिर और सेक्टर 35 बंग भवन में सिंदूर उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने भाग लिया...

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चंडीगढ़ के सेक्टर-47 स्थित कालीबाड़ी मंदिर में रविवार को दुर्गा विसर्जन से पहले ‘सिंदूर खेला’ उत्सव में भाग लेतीं महिलाएं। -हप्र
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चंडीगढ़, 13 अक्तूबर (हप्र)

चंडीगढ़ में रविवार को दुर्गा पूजा के समापन अवसर पर सेक्टर-47 कालीबाड़ी माता मंदिर और सेक्टर 35 बंग भवन में सिंदूर उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने भाग लिया और सिंदूर की होली खेली।

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रविवार को चंडीगढ़ में दुर्गा पूजा के समापन को लेकर जगह-जगह कार्यक्रम हुए। विसर्जन से पहले कालीबाड़ी सेक्टर-47 में रविवार सुबह 9 बजे से ही महिलाओं ने मां दुर्गा की विदाई के उपलक्ष्य में सिंदूर उत्सव में मनाना शुरू कर दिया जो शाम तक चला। इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को गुलाबी सिंदूर लगाकर जश्न मनाया। 9 दिनों तक चले दुर्गापूजा उत्सव के दौरान शुक्रवार को सुबह पूजा, दर्पण विसर्जन, सिंदूर उत्सव के बाद देवी डोलय गमन किया गया। शनिवार को दशहरा पर्व मनाया गया तथा रविवार को मां दुर्गा को विदाई देने के लिए श्रद्धालुओं की लाइनें लगी रही। इस दौरान बंगाली ही नहीं विभिन्न वर्गों की महिलाएं परिवार के साथ पूजा अर्चना में शामिल हुई। सिंदूर उत्सव में महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। सिंदूर सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान महिलाएं बंगाल के प्रसिद्ध वाद्य यंत्र ढाक की थाप पर नृत्य भी किया। सिंदूर उत्सव के बाद माता का विसर्जन हुआ। कालीबाड़ी के अध्यक्ष प्रणव सेन ने बताया कि हर साल इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

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