रंजू ऐरी/आदित्य शर्मा
चंडीगढ़/पंचकूला, 23 फरवरी
डडूमाजरा स्थित डंपिंग ग्राउंड में लगी आग पर मंगलवार को तीसरे दिन भी पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका। दिनभर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां वहां मिट्टी गिराती रहीं, फिर भी डंपिंग ग्राउंड धधकता रहा। शहर के अनेक भागों में धुएं का असर देखा गया। डडूमाजरा कॉलोनी, गांव डडूमाजरा , सेक्टर-38 वेस्ट, सेक्टर-38, 39, सेक्टर-25 में तो घरों के आगे पेड़ों के पत्ते भी काले पड़ गए हैं। नगर निगम ने साथ लगते गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट में पड़े कचरे को डंपिंग ग्राउंड़ में डालने का काम भी रोक दिया है। शहर का कचरा गारबेज प्लांट में डाला जा रहा है। फायर अधिकारियों का कहना था कि वे आग बुझाने के लिए मिट्टी के 50 टिप्पर डाल चुके हैं। उन्होंने बताया कि एक जगह से आग बुझती है तो दूसरी जगह से ओर भड़क जाती है। वहीं, पर्यावरणविद् इल्ला जोसेफ ने कहा कि यहां कचरे के ढेर के नीचे मिथाइल गैसे जमा हैं। बढ़ते तापमान अथवा अन्य कारणों से उनमें अपने आप आग लग जाती है।
फासवेक की बैठक में रखा जाएगा मुद्दा
डंपिंग ग्राउंड ज्वाइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों ने मंगलवार को डंपिंग ग्राउंड का दौरा किया और बाद में फासवेक के अध्यक्ष बलजिंदर सिंह से मिल कर प्रशासन से जांच की मांग की। कमेटी के अध्यक्ष दयाल कृष्ण ने बताया कि धुएं ने लोगों को परेशान कर रखा है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सभी समस्याओं के बारे में फासवेक अध्यक्ष को अवगत कराया। बलजिंदर सिंह ने कहा कि डंपिंग ग्राउंड में ऐसे ही आग सुलगती रही तो सारा शहर धुएं में घिर जाएगा। शहर की आबोहवा को नुकसान पहुंचाएगा। 28 फरवरी को फासवेक की बैठक बुलाई गई है और उसमें यह मुद्दा रखा जाएगा।
मिट्टी से भरा ट्रक रोका
आग बुझाने के लिए जा रहे मिट्टी के ट्रक को मंगलवार को कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने रोक दिया है। उनका कहना था कि यह काली मिट्टी है इससे आग और भड़केगी। उन्होंने फायर ब्रिगेड कर्मचारियों से भी बात की। बबला का कहना था कि फायर ब्रिगेड अधिकारियों ने भी यही कहा कि इससे आग और भड़क सकती है। इसके बाद बबला ने मिट्टी से भरा ट्रक मौके पर ही रोका और निगम अधिकारियों को फोन किया।