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भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन के लिए 5 गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा

भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन के लिए शुरू नक्शा पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच गांवों बुड़ैल, अटावा, कजहेड़ी, पलसौरा और सारंगपुर और 15 सेक्टरों (सेक्टर 2 से लेकर 17 तक) में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। अब 20 सितंबर से...
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भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन के लिए शुरू नक्शा पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच गांवों बुड़ैल, अटावा, कजहेड़ी, पलसौरा और सारंगपुर और 15 सेक्टरों (सेक्टर 2 से लेकर 17 तक) में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। अब 20 सितंबर से संपत्तियों की फील्ड वेरिफिकेशन होगी। पांच-पांच सदस्यों वाली 20 सर्वे टीमें गठित की गई हैं।

यह जानकारी मंगलवार को डीसी निशांत कुमार ने पायलट प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि फील्ड डेटा संकलन के लिए तैनात सर्वेयरों को पर्याप्त प्रशिक्षण अवश्य प्रदान किया जाए, ताकि कार्य की शुद्धता और दक्षता सुनिश्चित हो सके।

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नक्शा पायलट प्रोग्राम शहरी भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य भूमि संसाधन विभाग द्वारा एक पायलट परियोजना के रूप में लागू किया जा रहा है, जो भूमि स्टैक प्रोजेक्ट के अंतर्गत ड्रोन, जीआईसी और आधुनिक सर्वेक्षण तकनीकों का उपयोग कर भूमि का सटीक डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करेगा। इस परियोजना से संपत्ति से जुड़े विवाद कम होंगे, पारदर्शिता आएगी और लोग अपनी प्रॉपर्टी से संबंधित जानकारी आसानी से हासिल कर सकेंगे। इससे शहरी योजना और नागरिक सेवाओं में सुधार होगा।

बैठक में सर्वे आफ इंडिया, नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर, नगर निगम, मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन (वीसी के माध्यम से) और राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई, नक्शा, यूटी के अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

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