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डॉ. चंद्र त्रिखा को कर्पूरी ठाकुर सम्मान, इरशाद कामिल एवं प्रो. गुरमीत भी होंगे पुरस्कृत

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 5 जुलाई (हप्र) जाने-माने साहित्यकार, हरियाणा साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक एवं हरियाणा उर्दू अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. चंद्र त्रिखा, गीतकार इरशाद कामिल एवं पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. गुरमीत सिंह को बिहार सरकार...

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डॉ . चंद्र त्रिखा
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मनीमाजरा (चंडीगढ़), 5 जुलाई (हप्र)

जाने-माने साहित्यकार, हरियाणा साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक एवं हरियाणा उर्दू अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. चंद्र त्रिखा, गीतकार इरशाद कामिल एवं पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. गुरमीत सिंह को बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना गया है। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न विधाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए ये पुरस्कार दिए जाते हैं। बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय के निदेशक की ओर से भेजे गए पत्र में यह जानकारी दी गयी है। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए डॉ. त्रिखा को जननायक कर्पूरी ठाकुर सम्मान से नवाजा जाएगा। इसके तहत दो लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। सृजनात्मक लेखन, पत्रकारिता, न्याय, प्रशासन या हिन्दी के प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में दिए जाने वाले सम्मान की शृंखला में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर पुरस्कार, जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, बीपी मंडल पुरस्कार, नागार्जुन पुरस्कार, राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ पुरस्कार, महादेवी वर्मा पुरस्कार, बाबू गंगा शरण सिंह पुरस्कार, विद्याकर कवि पुरस्कार, मोहन लाल महतो वियोगी पुरस्कार, भिखारी ठाकुर पुरस्कार, डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार, डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार, विद्यापति पुरस्कार हैं।

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हरियाणा साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. चंद्र त्रिखा विभिन्न विषयों पर 52 पुस्तकें लिख चुके हैं। विभाजन के दंश पर लिखी गयीं उनकी कई कृतियां देश-विदेश में जानी जाती हैं। विभिन्न विषयों पर लगातार अपनी कलम चलाने वाले डॉ. त्रिखा को पंजाब शिरोमणि हिंदी साहित्य सम्मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर हिंदी सौहार्द सम्मान, हरियाणा हिंदी सेवी सम्मान जैसे कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। नित अलग विषयों को यूट्यूब चैनल के माध्यम से उठाने वाले डॉ. त्रिखा प्रयोगधर्मी हैं उन्हें चंडीगढ़ साहित्य अकादमी से भी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिल चुका है।

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प्रो. गुरमीत

पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. गुरमीत सिंह को बाबू गंगाशरण सिंह सम्मान से नवाजा जाएगा। इसमें उन्हें 50 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। डॉ. गुरमीत सिंह को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) की इटली के ऐतिहासिक नगर नेपल्स में स्थित विश्वविद्यालय में स्थापित प्रतिष्ठित हिंदी चेयर के लिए भी चुना गया था जहां वर्ष 2022 में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। वर्ष 2021 में वे उज्बेकिस्तान के ताशकंद विश्वविद्यालय में भी विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम कर चुके हैं। उन्हें चंडीगढ़ साहित्य अकादमी का सर्वश्रेष्ठ पुस्तक पुरस्कार और हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला का राज्य स्तरीय साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार भी मिल चुका है।

उधर, अपने गीतों में नवीनता देने वाले इरशाद कामिल समकालीन फिल्म गीत लेखन के बड़े स्तंभ हैं। उन्हें बीपी मंडल पुरस्कार के लिए चुना गया है। मौजूदा दौर के उन चुनिंदा गीतकारों में शामिल हैं जो अपने शब्द चयन के लिए जाने जाते हैं। बताया गया कि पुरस्कार आगामी 31 जुलाई को पटना में दिया जाएगा। साहित्य एवं पत्रकारिता जगत की अनेक हस्तियों ने सम्मानित होने वाले सभी हस्तियों को बधाई दी है।

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