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दर्द से जूझ रहे मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बनीं डॉक्टर बबीता

पीजीआई के एनेस्थीसिया और इंटेंसिव केयर विभाग में हैं प्रोफेसर
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विवेक शर्मा/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 5 अक्तूबर

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नवरात्रि का पर्व शक्ति और साहस के साथ-साथ सेवा भाव का प्रतीक भी है। दुखियों के दुखड़े निवारने वालीं मां दुर्गा के इन विशेष दिनों में आज हम एक ऐसी डॉक्टर की बात कर रहे हैं, जाे दर्द से जूझ रहे मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बनी हैं। डॉक्टर बबीता घई की सेवाएं हमारे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। वे पीजीआई के एनेस्थीसिया और इंटेंसिव केयर विभाग में प्रोफेसर और पेन क्लिनिक की कंसल्टेंट इंचार्ज हैं। हर महीने 400-500 मरीजों को उनके कुशल उपचार के जरिये दर्द से आराम मिलता है।

डॉक्टर बबीता को ‘दर्द से मुक्ति की देवी’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वे न केवल चिकित्सा सेवाएं देती हैं, बल्कि दर्द प्रबंधन के प्रति जागरूकता भी फैलाती हैं। उनका मानना है कि चिकित्साa केवल दवा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि मरीज के दर्द और उसकी समस्या को समझकर उसका सही समाधान निकालना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। डॉक्टर बबीता का कार्य केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं है। वे समाज के हर वर्ग की सेवा कर रही हैं, जो न केवल शारीरिक दर्द से राहत प्रदान कर रहा है, बल्कि मानसिक और सामाजिक समस्याओं के समाधान में भी अहम भूमिका निभा रहा है।

योग और प्राकृतिक समाधान : डॉक्टर बबीता ने योग और व्यायाम को भी अपने उपचार में शामिल किया है। उन्होंने एक विशेष योग प्रोटोकॉल विकसित किया है, जो कमर दर्द से पीड़ित लोगों के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। इससे मरीज बिना दवा के अपने दर्द का समाधान कर सकते हैं।

आईसीएमआर अध्ययन और अनुसंधान : आईसीएमआर द्वारा वित्त पोषित तीन बड़े सामुदायिक अध्ययनों का संचालन कर, उन्होंने कमर दर्द के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक प्रभावों को समझने का प्रयास किया है। इन अध्ययनों से प्राप्त जानकारी के आधार पर वे और बेहतर तरीके से समाज की सेवा कर रही हैं।

साधारण से असाधारण तक का सफर

डॉक्टर बबीता का सफर एक साधारण परिवार से शुरू हुआ, लेकिन उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें असाधारण बना दिया। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे न केवल एक सफल चिकित्सक बनीं, बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल स्थापित की।

विशेषज्ञता और शिक्षा

पीजीआई में विशेषज्ञता हासिल करने से पहले, डॉक्टर बबीता ने कई चिकित्सा क्षेत्रों का गहन अध्ययन किया। यहां उन्होंने दर्द प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता को निखारा और आज वे इस क्षेत्र में अग्रणी मानी जाती हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक उत्कृष्ट चिकित्सक बना दिया।

सामुदायिक जागरूकता और योगदान

डॉक्टर बबीता ने कमर दर्द जैसी आम समस्याओं के समाधान के लिए सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। इन कार्यक्रमों में वे लोगों को कमर दर्द के कारण, निवारण और इससे बचने के उपायों के बारे में जागरूक करती हैं। उन्होंने एक सेल्फ इंस्ट्रक्शनल हैंडबुक भी तैयार की है, जो हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में उपलब्ध है। इसमें व्यायाम और जीवनशैली में सुधार के सुझाव दिए गए हैं।

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