कठिन सवाल पूछने से न डरें : श्याम भाटिया
पंजाब विश्वविद्यालय के संचार अध्ययन संकाय (एससीएस) में सोमवार को एक सप्ताह तक चलने वाले ओरिएंटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में प्रख्यात पत्रकार, लेखक और युद्ध संवाददाता श्याम भाटिया ने मुख्य वक्ता के रूप में छात्रों को संबोधित किया। श्री भाटिया ने अपने पत्रकारिता अनुभव साझा करते हुए कहा, “एक पत्रकार उतना ही अच्छा होता है जितनी उसकी आखिरी स्टोरी होती है।” मध्य पूर्व, अफ़ग़ानिस्तान और अफ़्रीका में किए गए फील्डवर्क का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि “सत्य में फिर से उभरने की अजीब शक्ति होती है।” उन्होंने छात्रों को कठिन सवाल पूछने नहीं डरना चाहिए। साथ ही उन्होंने सत्ता से जवाबदेही सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने पेशे में अनुशासन और समय-सीमा के पालन को विश्वसनीयता की कसौटी बताया और नवोदित पत्रकारों से “टुकड़ा-टुकड़ा, वाक्य-दर-वाक्य स्पष्टता बहाल करने” का आग्रह किया। इस अवसर पर संकाय अध्यक्ष डॉ. भवनीत भट्टी ने कहा कि ओरिएंटेशन सप्ताह छात्रों को पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालय जीवन की समझ देने के लिए तैयार किया गया है। कार्यक्रम में संकाय के आंतरिक प्रकाशन स्टूडेंट रिपोर्टर का विशेष संस्करण भी श्री भाटिया को भेंट किया गया, जिसे एमए द्वितीय वर्ष के छात्र ध्रुव सिंघल ने डिज़ाइन किया। इस बीच, पंजाब विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग और एआईएचसीए विभाग के सहयोग से प्रसिद्ध पत्रकार व लेखक श्याम भाटिया ने “भारत के खोए हुए खजाने, ब्रिटेन का अपराधबोध” विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। अपनी नवीनतम पुस्तक “द ब्रिटेन चोर बाज़ार” पर आधारित वक्तव्य में उन्होंने भारत से चोरी हुई अमूल्य कलाकृतियों, औपनिवेशिक लूट और सांस्कृतिक विरासत के विस्थापन पर प्रकाश डाला। भाटिया ने पश्चिमी संस्थाओं की चुप्पी की आलोचना की।