चंडीगढ़, 23 मई (ट्रिन्यू)
पीजीआई चंडीगढ़ के नेहरू अस्पताल में शुक्रवार को एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई कथित मारपीट की घटना से चिकित्सा समुदाय में गहरा आक्रोश है। यह हमला नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में दोपहर करीब 12.20 बजे एक चिकित्सकीय प्रक्रिया के दौरान हुआ। मामला प्रभलीन कौर के नवजात शिशु के इलाज से जुड़ा है, जिसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। डॉक्टर द्वारा शिशु को कैनुला लगाने के प्रयास के दौरान दो असफल कोशिशों के बाद जब गर्दन के पास कैनुला लगाने की चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत प्रक्रिया अपनाई गई, तो बच्चे की मां ने स्थिति को गलत समझा। इसके बाद वह आईसीयू से बाहर गई और कुछ ही देर में अपने पति मनिंदर सिंह, एक महिला रिश्तेदार मनप्रीत कौर और एक अन्य रिश्तेदार के साथ लौटकर डॉक्टर पर हमला कर दिया। पीड़ित डॉक्टर की शिकायत पर सेक्टर 11 थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है।
एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एआरडी) के अध्यक्ष डॉ. विष्णु जिंजा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है। क्विक रिस्पॉन्स टीम ने दस मिनट में मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। चिकित्सा समुदाय ने इस हमले को डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति एक गंभीर चेतावनी मानते हुए, ‘हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण’ की मांग दोहराई है। एआरडी ने सभी संबंधित संस्थाओं से इस तरह की घटनाओं के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाने की अपील की है। पीजीआई के निदेशक डॉ. विवेक लाल ने घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
आरडी की दो टूक- सुरक्षा से समझौता नहीं
एआरडी ने स्पष्ट किया कि डॉक्टरों की गरिमा और सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं रोकी गई, तो वह सभी संवैधानिक और कानूनी विकल्पों का सहारा लेने से पीछे नहीं हटेगा।