शहबाब सैमुअल/निस
पिंजौर, 15 नवबंर
कालका-शिमला नैरोगेज रेल सैक्शन पर जल्द ही डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) टाईप ट्रेनें दौड़ेंगी। विगत वर्ष 2018 में केन्द्रीय रेलमन्त्री ने रेल अधिकारियों को इस रूट पर तेज गति से दौड़ने वाली ट्रेन चलाने की योजना बनाने के निर्देश दिए थे ताकि कालका-शिमला के लगभग 6 घंटों के सफर का समय घटाकर आधा किया जा सके। गत लगभग पौने 2 वर्षों में कोरोना महामारी के चलते उक्त योजना पर काम आगे नहीं बढ़ पाया था लेकिन अब रेलवे विभाग न केवल टॉय ट्रेन के सभी डिब्बों को बदलने जा रहा है बल्कि तेज गति से चलने वाली डीएमयू ट्रेन चलाने की योजना को भी आगे बढ़ाने पर काम कर रहा है। रेलवे विभागीय सूत्रों के अनुसार डीएमयू के लिए कालका रेलवे स्टेशन पर अलग से केरिज एवं वेगन शेड और शंटिग की जगह का भी चयन जल्द होगा। डीएमयू ट्रेन विशेष प्रकार की 4 या 8 डिब्बों वाली जुड़े हुए डिब्बों वाली ट्रेन होती है जो तीखे घुमावदार मोड़ों पर भी तेज गति से दौड़ सकती है। रेलवे इंजिनियर्स के लिए कालका- शिमला सैक्शन की मात्र ढाई फुट चौड़ी रेल पटरी पर तेज गति से ट्रेन चलाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। क्योंकि 96 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर 919 तीखे घुमावदार मोड़, 102 सुरंगे हैं जिस पर 7 डिब्बों वाली टॉय ट्रेन की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। हालांकि अब रेलवे द्वारा ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के लिए तीखे मोड़ थोड़े सीधे किए गए हैं।