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नवजातों के लिए नयी वैक्सीन पर हुआ मंथन

चंडीगढ़ में जुटे देशभर के बाल विशेषज्ञ
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देशभर के 100 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञ रविवार को चंडीगढ़ में आयोजित ‘पेडिएट्रिक्स सुपर स्पेशिलिटी मीट 2025’ में शामिल हुए। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य बच्चों में तेजी से फैल रही बीमारियों, नयी वैक्सीन तकनीकों और नवजातों की सुरक्षा को लेकर हो रहे चिकित्सा नवाचारों पर चर्चा करना था। आयोजन की थीम रही ‘हमारे नन्हों की सुरक्षा: बाल स्वास्थ्य में नवीनतम प्रगति की खोज’।

सम्मेलन का विशेष आकर्षण रेस्पिरेटरी सिंकैटल वायरस (आरएसवी) पर केंद्रित सत्र रहा। विशेषज्ञों ने बताया कि यह वायरस नवजातों में खांसी, घरघराहट, बुखार और न्यूमोनिया जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इस वायरस से बचाव के लिए बेफॉर्टस (नर्सेवीमैब) नामक एक सिंगल डोज वैक्सीन पर चर्चा हुई, जिसे नवजातों के लिए एक बड़ी सफलता माना गया। विशेषज्ञों ने इसे “गेम चेंजर” करार दिया। डॉ. नीरज कुमार ने सम्मेलन को बाल स्वास्थ्य के लिए साझा प्रतिबद्धता बताया। डॉ. सनी नरूला ने कोविड के बाद बदलती जरूरतों पर ज़ोर दिया। डॉ. अभय शाह ने पोषण और पर्यावरण को भी चिकित्सा से जोड़ने की बात कही। यह सम्मेलन बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण और समर्पित पहल बनकर सामने आया। सम्मेलन में पीजीआई चंडीगढ़, जीएमसीएच-32, जीएमसीएच-16 के अलावा बेंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद, जयपुर और फरीदाबाद के विशेषज्ञ भी शामिल हुए।

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इन बिंदुओं पर भी हुई चर्चा

‘कावासाकी इन क्रिब्स’ : नवजातों में दुर्लभ बीमारी की पहचान

‘स्किन स्पीक्स’ : त्वचा के लक्षणों से संक्रमण की चेतावनी

‘न्यूरो केयर अपडेट’ : बच्चों में जटिल न्यूरोलॉजिकल केस

‘टीकाकरण में नवाचार’ : बेफॉर्टसपर केंद्रित विस्तृत सत्र

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