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पहले दिन साहित्यिक सत्रों में किताबों और विषयों पर चर्चा

चंडीगढ़ लिट फेस्ट ‘लिटराटी 2024’ शुरू
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बॉलीवुड अभिनेता तुषार कपूर शनिवार को सुखना लेक क्लब में चंडीगढ़ लिट फेस्टिवल के दौरान चर्चा करते हुए। -विक्की
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मनीमाजरा (चंडीगढ़),23 नवंबर (हप्र)

चंडीगढ़ लिट फेस्ट (सीएलएफ) - लिटराटी 2024 के 12वें संस्करण की शुरुआत शनिवार को सुखना लेक क्लब में हुई। सीएलएफ लिटराटी 2024 सुखना झील की खूबसूरत और शांत बैकग्राउंड में चंडीगढ़ लिटरेरी सोसायटी (सीएलएस) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। दिन के कार्यक्रमों की शुरुआत पंडित सुभाष घोष द्वारा एक आकर्षक संगीतमय प्रस्तुति से हुई, जिसने साहित्यिक कृतियों की सर्वश्रेष्ठता के उत्सव के लिए बेहतरीन माहौल तैयार किया।

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फेस्ट के औपचारिक उद्घाटन के बाद सीएलएफ लिटराटी 2024 की फेस्टिवल डायरेक्टर और सीएलएस की चेयरपर्सन डॉ. सुमिता मिश्रा ने दो दिवसीय साहित्य महोत्सव में दर्शकों का स्वागत किया। इस महोत्सव में शीर्ष लेखक और वक्त 18 सत्रों में भाग लेंगे।

राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने फेस्टिवल का उद्घाटन भाषण देते हुए कहा कि चंडीगढ़ सिर्फ़ ‘द सिटी ब्यूटीफुल’ही नहीं, बल्कि ‘द सिटी ऑफ इंटलेक्चुअल्स’भी है, जिसमें उर्दू, पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी के लेखकों के आशियाने हैं।

पहले दिन की साहित्यिक गतिविधियां ‘द लीजेंड लिव्स ऑन – ए मैन कॉल्ड रतन टाटा’ नामक एक इंटरैक्टिव सेशन से शुरू हुईं। इसमें लेखक डॉ. थॉमस मैथ्यू, जो कि एक रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट हैं, ने तन टाटा पर लिखी आकर्षक जीवनी ‘रतन टाटा : ए लाइफ़’ पर चर्चा की।

‘पंजाब : द जलियांवाला बाग ट्रैजेडी एंड द नैरेटिव्स अराउंड इट’, थीम वाले सेशन में अवॉर्ड विजेता लेखिका और इतिहासकार किश्वर देसाई ने 13 अप्रैल, 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड की अनकही त्रासदियों के बारे में बताया। क्रिमसन स्प्रिंग के लेखक नवतेज सरना ने अपने काल्पनिक उपन्यास के बारे में खुलकर बातचीत की, जिसमें जलियांवाला बाग हत्याकांड के दूरगामी परिणामों का पता लगाने के लिए वास्तविक घटनाओं और ऐतिहासिक आंकड़ों को एक साथ लाया गया है।

‘पंजाब दी जुबान

यंग पोएट्स डिस्कस पंजाबी पोएट्री इन करंट टाइम्स’ सत्र में युवा कवि रणधीर उप्पल, वाहिद खडियाल और जस्सी संघा ने पंजाबी कविता के उभरते और बेहतर होते माहौल पर चर्चा की। एक प्रमुख सेशन ‘लीगल लैंडमार्क्स : चार्टिंग द पाथ ऑफ जस्टिस’ में पिंकी आनंद, राजनीतिज्ञ और वकील सौदामिनी शर्मा ने बातचीत की।

जनरल सैयद अता हसनैन ने बताया कि कैसे, विभाजन की अराजकता के दौरान एक अधिकारी ने उनके पिता से पूछा, ‘आप किस देश की सेना में शामिल होंगे?’ उनके पिता ने जवाब दिया, ‘मैं ऐसी सेना का हिस्सा बनना चाहता हूं जहां आस्था, विचारधारा और धर्म महत्वपूर्ण नहीं हैं।’

सेशन ‘इंक एंड इमेजिनेशन 

क्राफ्टिंग पोएटिक वर्ल्ड्स’ में आईएएस अधिकारी डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि ‘एक लखनवी हमेशा लखनवी होता है, और मेरे लेखन में शहर की एक अलग झलक है। कविता मेरे साथ यूं ही नहीं हुई - मेरा मानना है कि इसने मुझे चुना है। समय के साथ, मैंने पाया कि मैं हिंदी से और भी गहराई से जुड़ गई हूं, हालांकि मैं अंग्रेजी में भी लिखती और सुनाती हूं।’ डॉ. मिश्रा ने दर्शकों को जितना संभव हो सके उतना पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

‘डैडी इन द ड्राइवर्स सीट 

ए सिंगल फादर्स एक्सपीरियंस’ सेशन में बॉलीवुड अभिनेता तुषार कपूर ने सिंगल फादरहुड के अपने व्यक्तिगत अनुभव पर खुलकर बात की। लिटराटी 2024 के पहले दिन तीन किताबों का विमोचन भी हुआ।

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