चंडीगढ़, 9 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के तीन भाषा विभागों द्वारा एक साथ मिलकर आज वेब-संवाद का आयोजन किया गया। हिंदी, उर्दू व पंजाबी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह परिचर्चा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित थी, जिसका विषय ‘नई शिक्षा नीति एवं भारतीय भाषाएं’ था। इस वेब संवाद में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार ने मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए कहा कि सब भाषाओं को आज के युग में मिलकर चलने, आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर भारतीय भाषा के पास ज्ञान और संस्कृति का खजाना है।
केएमसी भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. माहरुख मिर्ज़ा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के आने से शिक्षकों की जिम्मेदारी भी पहले की तुलना में बहुत बढ़ गई है। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के प्रो. जोगा सिंह ने कहा कि आज के युग में बहुभाषी होना बहुत जरूरी है। हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के बाद पूरी शिक्षा व्यवस्था में एक नई शुरुआत करने का अवसर अवश्य पैदा हुआ है। पंजाबी विभाग के अध्यक्ष प्रो. सरबजीत सिंह ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा देकर ही हम आदर्श नागरिक बना सकते हैं।