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आंगनबाड़ियों में अब ‘डाइट डॉक्टर’ तय करेंगे बच्चों और माताओं की थाली

महिला एवं बाल विकास विभाग में न्यूट्रिशनिस्ट भर्ती के लिए एचपीएससी ने बदला परीक्षा सिलेबस

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हरियाणा की आंगनबाड़ियों में बच्चों और माताओं के आहार को अब विशेषज्ञों के हाथों में सौंपा जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग में न्यूट्रिशनिस्ट के पदों पर भर्ती के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के बच्चों और गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण स्तर को सुधारना है।

न्यूट्रिशनिस्ट आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार तय करेंगे। इसके तहत स्थानीय और किफायती खाद्य पदार्थों का उपयोग करके पोषण युक्त भोजन तैयार किया जाएगा। खासकर नमक, तेल और चीनी का सीमित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। यह कदम ‘स्वस्थ हरियाणा’ अभियान को नई दिशा देगा और कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करेगा।

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एचपीएससी ने जारी किया नया सिलेबस

एचपीएससी ने न्यूट्रिशनिस्ट परीक्षा का नया सिलेबस भी जारी किया है। अब परीक्षा में पांच मुख्य विषय शामिल होंगे। इसेमें गृह विज्ञान (होम साइंस) का परिचय, संबंधित विषय का व्यावहारिक ज्ञान, उपभोक्ता की परिभाषा और आवश्यकता, खाद्य पदार्थों के पोषक मूल्य बढ़ाने की तकनीकें और शिक्षार्थियों के लिए व्यवहारिक और अनुदेशात्मक रणनीतियां शामिल हैं।

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केवल महिला अभ्यर्थियों के लिए रिजर्व पद

यह पद केवल महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। इसके लिए न्यूनतम योग्यता एमएससी (गृह विज्ञान) तय की गई है। परीक्षा में नॉलेज और स्क्रीनिंग टेस्ट दोनों शामिल होंगे, ताकि ऐसे उम्मीदवारों का चयन हो जो सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ आंगनबाड़ी स्तर पर व्यावहारिक बदलाव ला सकें।

हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि हर आंगनबाड़ी में एक प्रशिक्षित न्यूट्रिशनिस्ट तैनात हो। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य में कुपोषण दर में कमी आएगी और ‘स्मार्ट न्यूट्रिशन’ मॉडल को जमीन पर लागू किया जा सकेगा।

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