सड़क किनारे प्रसव, चालक ने बचाई जच्चा-बच्चा की जान
अस्पताल ले जाते समय बढ़ी तकलीफ । एबुलेंस में नहीं था स्टाफ
रायपुररानी क्षेत्र में सोमवार सुबह इंसानियत और साहस की अनोखी मिसाल देखने को मिली। अलीपुर साइड के टोका गांव के पास कोट अस्पताल जा रही एंबुलेंस में गर्भवती महिला की अचानक हालत बिगड़ गई।
प्रसव पीड़ा इतनी तेज हुई कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे के जन्म का समय आ गया। उस नाजुक घड़ी में एंबुलेंस चालक संजीव सैनी ने हिम्मत और विवेक दिखाते हुए सड़क किनारे ही प्रसव करवा दिया। उनकी बहादुरी से मां और नवजात, दोनों की जिंदगी सुरक्षित हो गई। यह घटना जितनी प्रेरणादायक है, उतनी ही चिंताजनक भी।
गर्भवती महिला को ले जा रही एंबुलेंस में न डॉक्टर था, न नर्स और न ही कोई आपातकालीन तकनीशियन। गाड़ी में सिर्फ परिजन और चालक मौजूद थे। महिला की हालत बिगड़ते ही परिजन घबरा गए, लेकिन संजीव सैनी ने धैर्य और साहस का परिचय देकर प्रसव करवाया और दो जिंदगियां बचा लीं।
चिकित्सा स्टाफ होना जरूरी : डॉ. गोयल
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी संजीव गोयल ने स्वीकार किया कि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस में चिकित्सा स्टाफ का होना अनिवार्य है। वहीं, कोट अस्पताल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि संबंधित आपातकालीन कर्मी को हाल ही में मोरनी क्षेत्र भेजा गया था, क्योंकि वहां पहाड़ी इलाका होने के कारण जरूरी है।