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जुबां पर था मौत का साया... स्टेज-4 जीभ कैंसर पर ऐसे पाई जीत; महिला को मिला नया जीवन

उपचार के लिए जब उन्होंने फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली का रुख किया

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जीभ का कैंसर जब आखिरी स्टेज पर पहुंच जाए, तो मरीज के लिए हर निवाला और हर शब्द कठिनाई बन जाता है। ऐसी ही स्थिति का सामना कैथल की 54 वर्षीय महिला ने किया। उनकी जीभ के आगे हिस्से में न भरने वाला घाव था, जिस पर एक दांत लगातार चुभन पैदा कर रहा था। नतीजा यह हुआ कि उन्हें भोजन चबाने और स्पष्ट बोलने में गंभीर परेशानी होने लगी।

उपचार के लिए जब उन्होंने फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली का रुख किया, तो बायोप्सी और एमआरआई से पुष्टि हुई कि यह स्टेज-4 जीभ कैंसर है। जीभ का लगभग 40% हिस्सा कैंसरग्रस्त था और यह तेजी से फैल रहा था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कंसल्टैंट हैड एंड नैक ओंको-सर्जरी, डॉ. कुलदीप ठाकुर ने तुरंत सर्जरी का निर्णय लिया।

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ऑपरेशन में जीभ का लगभग 60% हिस्सा तथा गर्दन के दोनों ओर के कैंसरग्रस्त ऊतक निकाल दिए गए। खास बात यह रही कि चेहरे पर कोई चीरा नहीं लगाया गया। ट्यूमर हटाने के बाद, मरीज के बाएं हाथ से त्वचा लेकर (स्किन ग्राफ्टिंग) जीभ का पुनर्निर्माण किया गया। केवल 5 दिन में मरीज की हालत सुधरी और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। ताजा रिपोर्ट में कैंसर पूरी तरह समाप्त पाया गया।

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एडवांस स्टेज होने के कारण बाद में रेडिएशन थेरेपी भी दी गई। अब मरीज सामान्य जीवन जी रही हैं। डॉ. ठाकुर ने कहा कि ऐसे मामलों में ट्यूमर का संपूर्ण निष्कासन, सटीक पुनर्निर्माण और उपचार के बाद पुनर्वास ही मरीज को नया जीवन प्रदान करता है

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