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मनी लॉड्रिंग मामले में दमनवीर फिल्लौर ने विदेश जाने के लिए मांगी इजाजत

अदालत ने दलीलें सुनने के बाद शर्तों पर दी अनुमति
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मोहाली, 8 जून (हप्र)

मनी लॉड्रिंग मामले में नामजद आरोपी दमनवीर सिंह फिल्लौर ने विदेश जाने के लिए एनआईए कोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में आरोपी दमनवीर सिंह ने कहा कि 15 जून से 30 जून तक 15 दिनों के लिए विदेश यात्रा करने की अनुमति मांगी थी। उसने अदालत को कहा कि वह खाड़ी क्षेत्र का दौरा करना चाहता है, जहां श्री गुरु नानक देव जी ने अपने चिन्ह छोड़े थे और गए थे। उन्होंने उसी अवधि के लिए अपना पासपोर्ट जारी करने के लिए प्रार्थना की थी। आवेदक ने कहा है कि खाड़ी क्षेत्र में बगदाद इराक में मक्का और मदीना (गुरुद्वारा श्री बाबा नानक तीर्थ) धार्मिक पवित्र स्थानों पर माथा टेकने के लिए जाना चाहता है जोकि जेद्दा सऊदी अरब में है।

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उसने बताया कि 15 जून को दिल्ली से बगदाद इराक के लिए प्रस्थान करेगा और 22 जून तक वहां रहेगा और फिर दिल्ली भारत लौट आएगा। उसने अदालत में कहा कि वह अपना ठहरने का पता यानी होटल का नाम बताएगा और वीजा, ई-मेल, मोबाइल नंबर की प्रति भी उपलब्ध कराएगा, जिसका वह वहां उपयोग करेगा और वह कोई अन्य विवरण भी प्रदान करने के लिए तैयार है, जिसके लिए यह अदालत आवेदक को निर्देश देगी। उसने विदेश धार्मिक यात्रा जाने के लिए अनुमति मांगी थी।

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से विशेष लोक अभियोजक जेपीएस सराओ ने प्रस्तुत होकर आवेदन पर जवाब दाखिल किया, जिसमें प्रारंभिक आपत्तियां ली गई। उन्होंने अदालत को कहा कि आरोपी विदेश यात्रा के लिए इस न्यायालय से अनुमति मांगने के लिए प्रस्तुत आवेदन मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में विचारणीय नहीं है।

आरोपी द्वारा कानून के शिकंजे से बचने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली टालमटोल की रणनीति का एक हिस्सा मात्र है। आगे यह भी कहा गया है कि इसी ईसीआईआर में सह-आरोपियों को इस न्यायालय द्वारा 30 जुलाई 2024 के निर्णय के तहत दोषी ठहराया गया है और आवेदक किसी न किसी बहाने से विदेश यात्रा करने का प्रयास कर रहा है।

आवेदक के विदेश यात्रा के पिछले आवेदन को इस न्यायालय द्वारा 14 नवंबर 2024 के आदेश के तहत अस्वीकार कर दिया गया था। आगे यह भी कहा गया है कि आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति है और उसके कई कनेक्शन हैं, इसलिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का एक बड़ा जोखिम और मौका है जो निकट भविष्य में न्यायिक कार्यवाही में बाधा डाल सकता है और अंत में आवेदन को खारिज करने के लिए प्रार्थना की गई।

आरोपी इराक, सउदी अरब ही जा सकेगा

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि आरोपी को अदालत की शर्तों पर विदेश जाने की अनुमति मिलेगी। शर्तों के अनुसार आरोपी इराक, सउदी अरब को छोड़कर किसी अन्य देश की यात्रा नहीं करेगा। वह उन स्थानों का विवरण देगा जहां वह 15 जून से 30 जून तक रहेगा। आरोपी अपना मोबाइल नंबर भी प्रदान करेगा, जिसका उपयोग वह 15 दिनों तक अपनी विदेश यात्रा के दौरान करेगा। आरोपी किसी भी आधार पर ऊपर बताई गई अवधि से परे विदेश में रहने के लिए कोई और विस्तार नहीं मांगेगा। आरोपी को 20 लाख रुपए की बैंक गारंटी और इतनी ही राशि के एक जमानतदार के साथ व्यक्तिगत बांड प्रस्तुत करना होगा। वह अदालत में एक हलफनामा प्रस्तुत करेगा कि उसकी अनुपस्थिति में उसका वकील उपस्थित रहेगा, ताकि कार्यवाही जारी रहे और वह मुकदमे के दौरान अपनी पहचान पर विवाद न करे।

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