जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 31 अक्तूबर
धान की पर्याप्त आवक नहीं होने के कारण अम्बाला शहर क्षेत्र में मिलिंग व्यवसाय के भविष्य पर संकट के बादल छा गए हैं। क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर अनाज मंडी में इस बार गत वर्ष की तुलना में आधा धान भी नहीं पहुंच पाया है। पर्याप्त धान नहीं पहुंच पाने का मुख्य कारण पंजाब से आने वाले धान का न आना बताया जा रहा है। ऐसे में पंजाब ऊपज पर निर्भर आढ़तियों में जहां तनाव बढ़ रहा है वहीं इस मंडी पर निर्भर अनेक राइस शैलर्स का कारोबार भी मंदी की चपेट में आकर रह गया है। शहर मंडी में गत वर्ष 27 अक्तूबर तक जहां 17.25 लाख क्विंटल धान की आवक हुई थी वहीं इस वर्ष मात्र 8.42 लाख क्विंटल आवक ही हुई है।
दरअसल जिला में जहां करीब 200 मिलर्स हैं तो वहीं अम्बाला शहर क्षेत्र में ही इससे आधे राइस शैलर्स काम कर रहे हैं जो सरकार द्वारा करवाई जा रही पीआर की मिलिंग पर ही निर्भर हैं। यहां न तो एक्सपोर्ट की मार्केट है और न ही बासमती ही बहुत ज्यादा पैदा होती है। पिछले कई साल से पंजाब के धान के सीमांत मंडियों में आवक को आखिरी मौकों पर स्वीकृति मिलती रही है लेकिन इस बार यह स्वीकृति आज तक नहीं मिली। बड़ी संख्या में दशकों से हरियाणा की सीमांत मंडियों में दशकों से अपनी उपज बेचते आए किसानों ने प्रदेश सरकार द्वारा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के बावजूद अनुमति नहीं दी गई।
मिलर्स को क्षमता के अनुसार धान नहीं मिलने के कारण मिलिंग करने में काफी नुकसान में जाने की बात कर रहे हैं। मिलर्स जिला अधिकारियों को बाहरी जिलों में सरप्लस पड़ी धान मिलिंग के लिए उन्हें आवंटित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसमें भी मात्र कुछ मिलर्स ही अपना हित साध रहे हैं यानी ज्यादा इस कोटे से भी वंचित हैं। बड़े नुकसान की संभावनों के चलते कई मिलर्स अवसाद के शिकार हो चुके हैं, उन्हें मिल चलाना सीधा घाटे का सौदा दिख रहा है। बाहरी जिलों का सरप्लस धान भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा।
मिलर्स लगातार प्रदेश के दूसरे जिलों के सरप्लस धान के आवंटन की मांग कर रहे हैं लेकिन जितना आया था उसका आवंटन किया जा चुका है। अब भी मांग बनी हुई है, यदि कहीं से सरप्लस धान की रिपोर्ट आती है तो आवश्यक कार्रवाई कर दी जाएगी।
-कृपाल दास, डीएम हैफेछ अम्बाला
बेशक पंजाब के किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण तो करवाया हुआ है लेकिन प्रदेश सरकार ने उनका धान खरीदने के लिए कोई स्वीकृति नहीं दी है। सरकार के आदेश के बिना स्थानीय स्तर पर मार्केट कमेटियां गेट पास देने के लिए सक्षम नहीं हैं। जब तक गेट पास नहीं काटा जाएगा तब तक खरीद एजेंसियां भी खरीद नहीं कर सकती।
-राधेश्याम शर्मा, डीएमयूओ अम्बाला