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फैशन टेक्नोलॉजी के छात्रों से रूबरू हुए क्रिकेटर मोंगिया

चंडीगढ़, 28 फरवरी (ट्रिन्यू) टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड वोकेशनल डेवलपमेंट के छात्रों से बातचीत की। व्याख्यान का आयोजन यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड वोकेशनल डेवलपमेंट...
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चंडीगढ़, 28 फरवरी (ट्रिन्यू)

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड वोकेशनल डेवलपमेंट के छात्रों से बातचीत की। व्याख्यान का आयोजन यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड वोकेशनल डेवलपमेंट द्वारा प्रभदीप बराड़ और गेस्ट फैकल्टी डॉ. रमनदीप बावा की अध्यक्षता में किया गया था। इस मौके पर समाज कार्य विभाग के चेयरपर्सन डॉ. गौरव गौड़ सम्मानित अतिथि थे। दिनेश मोंगिया उस भारतीय टीम के सदस्य थे जो 2002 आईसीसी चैंपियंस की संयुक्त विजेताओं में से एक थी। अपने घरेलू क्रिकेट करियर में मोंगिया ने 50 से कम की औसत से 8,100 रन बनाए और उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 308 रन रहा। 2004 में उन्होंने एक विदेशी खिलाड़ी के रूप में लंकाशायर के साथ अनुबंध किया। 2005 में उन्हें लीसेस्टरशायर द्वारा पूर्णकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षरित किया गया था। मोंगिया टी-20 मैच खेलने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 2004 ट्वेंटी-20 कप में लीसेस्टरशायर के खिलाफ लंकाशायर के लिए खेला था। उन्होंने 2004 काउंटी चैम्पियनशिप में लंकाशायर के लिए खेला। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाफ कई मैच खेले हैं।

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अपने संवादात्मक व्याख्यान में मोंगिया ने इस बात पर ध्यान दिया कि किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास कैसे किया जा सकता है। उन्होंने यह भी विस्तार से बताया कि ‘विचार’ हमारी मान्यताओं, धारणाओं और आदतों को तैयार करने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं जो अंततः व्यक्तित्व या व्यक्ति को वास्तविकता की ओर ले जाते हैं। चीजों को दोहराने से हमें अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलती है। उन्होंने चर्चा की कि यदि हमारे विचार स्पष्ट और दृढ़ हैं तो कोई भी व्यक्ति जीवन में सब कुछ और कुछ भी हासिल कर सकता है। जीवन की कोई सीमा नहीं है सिवाय उस सीमा के जिसे हम स्वयं बनाते हैं।

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